गत वर्ष एक माह तक नहीं हुई थी बारिश
गत वर्ष मानसून पूर्व व मानसून की बारिश अच्छी हो गई थी, लेकिन बीच में बरसात दगा दे गई थी, इससे फसलों का उत्पादन काफी घट गया। कृषि अधिकारी (फसल) शिशुपाल कांसोटिया के अनुसार गत वर्ष 25 जुलाई से पहले तो सामान्य बारिश होती रही, लेकिन इसके बाद 25 अगस्त तक एकाएक बारिश गायब हो गई। इससे मूंग की फसल सहित अन्य फसलें सही तरीके से नहीं पक पाई।
गत वर्ष मानसून पूर्व व मानसून की बारिश अच्छी हो गई थी, लेकिन बीच में बरसात दगा दे गई थी, इससे फसलों का उत्पादन काफी घट गया। कृषि अधिकारी (फसल) शिशुपाल कांसोटिया के अनुसार गत वर्ष 25 जुलाई से पहले तो सामान्य बारिश होती रही, लेकिन इसके बाद 25 अगस्त तक एकाएक बारिश गायब हो गई। इससे मूंग की फसल सहित अन्य फसलें सही तरीके से नहीं पक पाई।
जिले को हुए लक्ष्य आवंटित
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार संयुक्त निदेशक कृषि कार्यालय सीकर से नागौर जिले को खरीफ की फसलों के आवंटित कर दिए हैं। लेकिन अभी कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय को लक्ष्य आवंटित नहीं हुए हैं। नागौर जिले को इस बार बाजरा तीन लाख ७५ हजार, ज्वार 50 हजार, मूंग 4 लाख 20 हजार तथा मोठ का 1 लाख 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य आवंटित किया गया है। जल्द ही उपनिदेशक कार्यालय नागौर की ओर से कुचामन क्षेत्र का लक्ष्य आवंटित किया जाएगा।
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार संयुक्त निदेशक कृषि कार्यालय सीकर से नागौर जिले को खरीफ की फसलों के आवंटित कर दिए हैं। लेकिन अभी कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय को लक्ष्य आवंटित नहीं हुए हैं। नागौर जिले को इस बार बाजरा तीन लाख ७५ हजार, ज्वार 50 हजार, मूंग 4 लाख 20 हजार तथा मोठ का 1 लाख 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य आवंटित किया गया है। जल्द ही उपनिदेशक कार्यालय नागौर की ओर से कुचामन क्षेत्र का लक्ष्य आवंटित किया जाएगा।
अभी कुचामन क्षेत्र का बुआई का लक्ष्य आवंटित नहीं हुआ है, जल्द ही लक्ष्य आवंटित हो जाएगा। किसान मानसून पूर्व की बारिश का इंतजार कर रहे हैं। 15 जून से मूंगफली की बुआई जोर पकड़ लेगी। खरीफ के सीजन की पूरी तैयारी है।
– रेखा कुमारी, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी
– रेखा कुमारी, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी