विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र मुवाल ने बताया कि बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद विद्यालय के सभी शिक्षकों को साथ लेकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया। ग्रीष्मावकाश में भी जनसम्पर्क किया गया। गांव में घर-घर जाकर लोगों के शिक्षा के लिए प्रेरित किया गया। जिससे विभाग द्वारा आवंटित नामंाकन वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त किया। प्रधानाचार्य मुवाल ने बताया कि इस सतर््में विद्यालय में 90 नवीन विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। जिससे विद्यालय का नामांकन इस सतर््में 240 से बढकऱ 280 हो गया है। नवीन विद्यार्थियों के नामांकन के लिए विद्यालय के अध्यापकों ने ग्रीष्मावकाश में प्रधानाचार्य के साथ अभिभावकों से सम्पर्क कर प्रेरित किया। विद्यालय में वर्तमान में कला संकाय का संचालन किया जा रहा है। प्रधानाचार्य मुवाल ने बताया कि इस बार अच्छे नामांकन के कारण विज्ञान संकाय खोलने के लिए शिक्षा विभाग के पास अनुमोदन भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में विज्ञान संकाय की सौगात मिल जाए तो विद्यालय के लिए बहुत बड़ी राहत मिल सकती है। क्योंकि गांव सहित आसपास के विद्यार्थियों को विज्ञान संकाय के लिए कुचामन या अन्य शहरों में जाना पड़ रहा है।
विद्यालय विकास को लेकर गांव के भामाशाहों का सहयोग भी सराहनीय रहा है। गांव के भामाशाह ईश्वरराम कीलका एवं उनके भाईयों ने विद्यालय में कक्षा-कक्ष का निर्माण करवाया। महावीर, धर्मचन्द, नंदलाल जैैन ने विद्यालय के मुख्य प्रवेश-द्वार, गोमाराम जांगिड़ ने टीन-शेड का निर्माण करवाया। दो लाख की लागत से विद्यालय में फर्नीचर एवं सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। गांव के सभी भामाशाहों ने 12 लाख रुपए की लागत से इस विद्यालय में विकास कार्य करवाए। ग्राम पंचायत की ओर से भी विद्यालय की चार दीवारी का निर्माण करवाया गया। विद्यालय में आने वाले समय में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जोड़ कर बारिश का पानी एकत्रित करने के लिए एक बड़ा हौद बनवाया जाएगा।
प्रधानाचार्य राजेन्द्र मुवाल ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए हर समय 14 शिक्षक प्रयासरत रहते है। समय-समय पर पाठ्क्रम पूर्ण करवाकर नियमित साप्ताहिक, इकाई, पाक्षिक टेस्ट लेकर परीक्षा परिणाम को बेहत्तर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस सतर््में बेहतरीन परीक्षा मिले, इसके लिए कुछ नये प्रयोग भी किए है। बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों के इकाई, साप्ताहिक, पाक्षिक टेस्ट के अंक प्रत्येक विद्यार्थी के अभिभावक को संदेश देकर जानकारी दी जा रही है। प्रत्येक विद्यार्थी को घर में शिक्षण के लिए अलग से होमवर्क भी दिया जा रहा है।
विद्यालय में कक्षा-कक्षों की कमी
विद्यालय में कक्षा-कक्षों की कमी है। विद्यालय में मात्र 7 कक्षा-कक्ष है। कक्षा-कक्षों की कमी होने के कारण 1 से 5 तक की कक्षाएं विद्यालय से दूर अन्य मर्ज विद्यालय के रिक्त भवन में संचालित की जा रही है। जिसके कारण प्रारम्भिक शिक्षा प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रही है। साथ ही पोषाहार व अन्नपूर्णा दूध जैसी योजनाओं को संचालन करने में भी परेशानी हो रही है। हालांकि संस्था के पदाधिकारियों ने कक्षा कक्ष की कमी की समस्या ग्राम पंचायत, शिक्षा विभाग व जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराई हुई है।
शहर के निकटवर्ती ग्राम चारणवास (हुडील) की राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक विद्यालय के पास स्वंय का वाहन होगा। इसके लिए गांव के भामाशाह सुशील कुमार यादव पुत्र परमाराम यादव ने विद्यालय के लिए वाहन भेंट किया है। भामाशाह ने संस्था के प्रधानाध्यापक छितरमल गुर्जर को वाहन की चाबी भेंट की। संस्था के प्रधानाध्यापक गुर्जर ने बताया कि यह वाहन विद्यालय के दूर-दराज के बच्चों को लाने व छोडऩे में काम आएगा। इस मौके पर भामाशाह की ओर से वाहन भेंट करने पर संस्था के पदाधिकारियों ने भी सम्मान कर उत्साहवर्धन किया। प्रधानाध्यापक गुर्जर ने बताया कि इससे पहले भी इन्हीं भामाशाहों की ओर से कई विकास कार्य करवाए गए थे। जिनकी बदोलत आज विद्यालय में अच्छा नामांकन बढ़ा है। गौरतलब है कि कुचामन ब्लॉक की यह एकमात्र सरकारी विद्यालय होगी जिसके पास स्वंय का वाहन होगा। इस विद्यालय में पहले गांव के भामाशाहों ने कई विकास कार्य करवाए गए थे।