क्या है रिफाइनरियों का मलबा
dirt being sold in the name of cheap salt नावां में एक दर्जन से अधिक नमक की आधुनिक रिफाइनरियां संचालित है। जिनमें नमक को ट्रिपल रिफाइंड करके तैयार किया जा रहा है। नमक में मुख्य रुप से सोडियम क्लोराइड की मात्रा होती है। लेकिन रिफाइनरी के प्रोसेस में सोडियम क्लोराइड निकालने के बाद ही यह वेस्टेज निकलता है। इन रिफाइनरियों में नमक रिफाइंड के प्रोसेस के बाद निकलने वाला नमक का सफेद मलबा भी रिफाइनरी संचालकों का खर्च निकाल रहा है। इन मलबे को साधारण नमक पिसाई संयत्र वाले उद्यमी सस्ते भावों में खरीद कर वापस नमक में मिला रहे है।
नमक उत्पादन के बाद सीधे पिसाई किए जाने वाले नमक में कई अशुद्धियां रहती है। इस नमक में आयोडीन भी पूरी तरह से नहीं मिलाया जा सकता। जिसके चलते यह नमक खाने योग्य नहीं होता। sold in the name of cheap salt नमक पिसाई संयत्रों की ओर से खाद्य नमक के उत्पादन के लिए न तो खाद्य विभाग की ओर से कोई लाइसेंस लिया गया है और न ही अपनी रजिस्टर्ड ब्रांड के नमक को तैयार किया जा रहा है। पड़ताल में सामने आया कि पैकिंग की जा रही नमक की थैलियों पर भी फर्म का एड्रेस व फूड लाइसेंस के नम्बर तक दर्ज नहीं है।
बिना शुद्ध किए नमक बना कर बेचने के मामले में हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते है। इसके लिए खाद्य विभाग की ओर से ही कार्रवाई की जा सकती है। इस तरह का काम अवैध है इसके लिए सरकार को लिखा जाएगा।
भजनलाल मीणा
नमक उपाधीक्षक, नावां।
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2 महिनें पहले ही नमक के सेम्पल लिए थे, यदि रिफाइनरियों के मलबा मिलाकर नमक के पैकेट बनाए जा रहे हैं तो शीघ्र ही अभियान चलाकर इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजेश जांगिड़
खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नागौर।