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समय पर पूरी नहीं होती दिख रही पशुगणना!

locationकुचामन शहरPublished: Dec 02, 2018 06:38:20 pm

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कार्मिकों को ऑफिस के कार्य के साथ पशुगणना का कार्य भी, टेबलेट व प्रगणक काफी कम

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कुचामनसिटी. पशुपालन विभाग की ओर से करीब एक माह के विलंब से शुरू हुई पशुगणना समय पर पूरी होती नहीं दिख रही है। इसके पीछे पर्याप्त प्रगणक व टेबलेट नहीं होना कारण है। विभाग ने पशुगणना के लिए 66 प्रगणक ग्रामीण क्षेत्र में तथा ६ प्रगणक शहरी क्षेत्र में लगाए हैं। वहीं प्रगणकों को छह तहसीलों लाडनूं, नावां, कुचामन, डीडवाना, मकराना, परबतसर के ***** गांवों के पशुओं की गणना करनी हैं। पशुगणना का कार्य तीन माह के अंदर पूरा करना है। ऐसे में संसाधन कम होने पशुगणना का कार्य समय पर पूरा होना नहीं दिख रहा है। स्थिति यह है कि कार्मिकों को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कार्यालय की ड्यूटी भी देनी पड़ रही है। इसके उपरांत पशुगणना करनी पड़ रही है। सर्दी का मौसम होने के कारण शाम 6 बजे ही शाम हो जाती है। ऐसे में कार्मिकों को प्रर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है। जबकि प्रगणकों को गाय-भैंस, भेड़, बकरी, घोड़ा, कच्छर, हाथी, ऊंट पक्षियों की प्रजाति मुर्गी-मुर्गा, टरकी इत्यादि की गणना करनी है। प्रगणकों को पशुगणना के लिए 72 टेबलेट वितरित किए गए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में पशुगणना का कार्य एक अक्टूबर से शुरू होना था, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते पशुगणना का कार्य एक माह बाद 9 नवम्बर से शुरू हुआ। हालांकि विभाग अपना पूरा प्रयास कर रहा है, लेकिन उसे पूरी सफलता नहीं मिल रही है। पशुगणना का कार्य वर्ष 2017 में शुरू होना था, लेकिन यह कार्य 2018 में शुरू हुआ है।

इनका कहना है
9 नवम्बर से पशुगणना का कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए छह तहसीलों में 72 प्रगणक लगाए गए हैं। प्रगणक तीन माह में पशुगणना का कार्य पूरा करेंगे। विभाग की ओर से पूरा प्रयास है कि पशुगणना का कार्य समय पर पूरा हो।
– डॉ. विवेक, वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग, कुचामनसिटी
इधर, अब दूसरे आगार के प्रबंधक भी कर सकेंगे रोडवेज बसों की जांच
कुचामनसिटी. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की सारथी योजना के तहत अनुबंधित बसों की जांच अब अन्य आगार के प्रबंधक भी कर सकेंगे। पहले उक्त योजना के तहत संचालित बसों का निरीक्षण उसी आगार के प्रबंधक कर सकते थे। इस आशय के आदेश अभी हाल ही में रोडवेज मुख्यालय की ओर से जारी किए गए हैं। हालांकि केन्द्रीय फ्लाइंग निरीक्षण की टीम इस श्रेणी के बसों की जांच कर सकती थी, लेकिन अब प्रदेश के 52 आगारों के प्रबंधक कर सकेंगे। ऐसे में बसों की जांच समय पर की जा सकेगी। इस आदेश से पूर्व बेटिकट यात्रा की शिकायतें आती रहती थी। इससे निगम को राजस्व की चपत लग रही थी। इसके अलावा आगार के प्रबंधक लंबी दूरी तक संचालित होने वाली बसों की जांच नहीं कर पाते थे। रोडवेज प्रशासन ने राजस्व बढ़ाने के उद्देशीय से जारी किए हैं। इधर इस संबंध में डीडवाना आगार के सहायक यातायात निरीक्षक सज्जन सिंह रत्नू ने बताया कि पहले सारथी योजना के तहत अनुबंधित बसों की जांच संबंधित आगार के प्रबंधक ही कर सकते थे। अब प्रदेश के सभी डिपो के आगार प्रबंधक इन बसों की जांच कर सकेंगे। मुख्यालय के इस कदम से बेटिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर अंकुश लगेगा।
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