scriptगमगीन माहौल में सैन्य सम्मान के साथ बेटों ने दी शहीद रामेश्वरलाल को मुखाग्रि | martyred Rameshwarlal Funeral with military honors | Patrika News

गमगीन माहौल में सैन्य सम्मान के साथ बेटों ने दी शहीद रामेश्वरलाल को मुखाग्रि

locationकुचामन शहरPublished: Jan 17, 2020 07:09:00 pm

Submitted by:

Hemant Joshi

कुचामनसिटी. martyred Rameshwarlal Funeral with military honors भारत माता की जय, शहीद रामेश्वरलाल अमर रहे के गगनभेदी उद्घोष के बीच शुक्रवार को कुचामन के ग्राम पंचायत हिराणी निवासी 30 वर्षीय रामेश्वरलाल परसवाल की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई। 10 हजार से भी अधिक लोग शहीद के सम्मान में शहीद रथ के साथ अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

कुचामनसिटी. वीरांगना राजूदेवी और शहीद

कुचामनसिटी. वीरांगना राजूदेवी और शहीद

शहीद के सम्मान में बाजार हुए बंद, पूरे मार्ग में हुई पुष्पवर्षा
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल व उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व सेना के अधिकारियों ने अर्पित किए पुष्पचक्र
शहीद के मासूम बच्चों ने मुखाग्नि दी और सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।
martyred Rameshwarlal Funeral with military honors शहीद रामेश्वरलाल की पार्थिव देह गुरुवार की देर रात कुचामन पहुंची थी। शहीद के वाहन को पांचवा रोड पर स्थित आरएनटी स्कूल में रोका गया। जहां से शुक्रवार की सुबह साढे आठ बजे शहीद का वाहन काफिले के रुप में रवाना हुआ। शहीद का काफिला जब रवाना हुआ तो पांचवा रोड़ पर करीब दो हजार युवा काफिले के साथ थे, देखते ही देखते डीडवाना रोड और कुचामन बस स्टेण्ड से यह काफिला दो किलोमीटर से अधिक लंबा हो गया। शहीद के सम्मान में बाजार बंद हो गए और लोगों ने छतों से शहीद पर पुष्पवर्षा की। भारत माता की जयघोष और हाथों में तिरंगा लिए विभिन्न डिफेंस एकेडमियों से प्रशिक्षु सैनिक पैदल ही शहीद वाहन के साथ दौड़ कर देश के युवा होने का संदेश दे रहे थे। शहीद का काफिला कुचामन के सीकर स्टेण्ड होते हुए हिराणी, भांवता से शहीद के घर पहुंचा। जहां गमगीन माहौल में हजारों लोग शहीद के अंतिम दर्शनों को लालायित नजर आए। युवाओं का जोश ऐसा था कि लोग खेजड़ी सहित अन्य पेड़ों पर चढकर देखते रहे। दोपहर डेढ बजे बाद शहीद के पांच वर्षीय बेटे आर्यन और तीन वर्षीय नियान ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। शहीद के सम्मान में सेना के जवानों ने गार्डस ऑफ ऑनर के साथ बंदूकों से सलामी दी।
सबको रुला गया रामेश्वर

जब शहीद रामेश्वरलाल की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो वहां हरकिसी के आंसू बह निकले। वीरांगना राजूदेवी और शहीद पुत्र मासूम बच्चे खून के अश्रु बहा रहे है। गमगीन माहौल में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे, महिलाएं फफक फफक कर रो रही थी। शहीद के परिजन बिलख रहे थे, बड़ा भाई पूसाराम बार-बार गश खाकर गिर रहा था, जिसे लोग संभाल रहे थे।
छुट्टी के पहले ही पहुंच गई पार्थिव देह

98 मीडियम रेजीमेंट में कार्यरत रामेश्वरलाल 10 वर्ष 4 माह पहले सेना में भर्ती हुआ था। शहीद के परिवार में दो बड़े भाई भागूराम परसावाल, पूसाराम परसवाल के हाल बेहाल है। रामेश्वरलाल 20 जनवरी को छुट्टी पर अपने घर आने वाला था। लेकिन इससे पहले ही रामेश्वरलाल 13 जनवरी की रात को कश्मीर के कूपवाड़ा इलाके में ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन होने से रामेश्वरलाल शहीद हो गया। शहीद होने के बाद कूपवाड़ा में लगातार बर्फबारी होने से पार्थिव देह को रवाना नहीं किया जा सका। 17 जनवरी को मौसम सही होने पर शहीद रामेश्वरलाल की पार्थिव देह शाम साढे 4 बजे श्रीनगर से रवाना हुई और अमृतसर, दिल्ली होते हुए शाम 7 बजे जोधपुर पहुंची। जोधपुर से पार्थिव देह सडक़ मार्ग से शुक्रवार को घर पहुंची थी। जहां सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो