इनका कहना है
चिकित्सालयों में इंटीग्रेटेड हेल्थ मेनेजमेंट सिस्टम के बारे में सुना है। हालांकि इस सिस्टम को मेडिकल कॉलेज स्तरीय चिकित्सालयों में ही लागू करने की जानकारी है। संभवत: बाद में इसे जिला स्तरीय व अन्य चिकित्सालयों में लागू किया जाए। अभी इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
– डॉ. आर.एस. रत्नू, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय चिकित्सालय कुचामनसिटी
चिकित्सालयों में इंटीग्रेटेड हेल्थ मेनेजमेंट सिस्टम के बारे में सुना है। हालांकि इस सिस्टम को मेडिकल कॉलेज स्तरीय चिकित्सालयों में ही लागू करने की जानकारी है। संभवत: बाद में इसे जिला स्तरीय व अन्य चिकित्सालयों में लागू किया जाए। अभी इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
– डॉ. आर.एस. रत्नू, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय चिकित्सालय कुचामनसिटी
इधर, डाटा कनेक्टिविटी नहीं होने से अटकी पशुगणना, एक माह की हुई देरी
कुचामनसिटी. पशुपालन विभाग की ओर से किए जाने वाली पशुगणना डाटा कनेक्टिविटी नहीं होने से अटक गई। ऐसे में पशुगणना का कार्य समय पर शुरू नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री के डिजिटिल इंडिया इनेशिएटिव के तहत डिजिटल तकनीक का उपयोग कर पशुगणना का कार्य किया जाना था। पशुगणना में टेबलेट कम्प्यूटर का उपयोग भी किया जाना है। इससे पहले 20वीं पशुगणना के लिए सॉफ्टवेयर लांच किया गया, लेकिन सॉफ्टवेयर में समय में डाटा कनेक्टिविटी नहीं हो पाई। इसके पीछे कारण रहा कि कौनसी कंपनी की सिम से इंटरनेट शुरू किया जाए। विभाग के स्तर पर तय होने के बाद सोमवार को बीएसएनएल की सिम प्राप्त होने की बात कही गई और नागौर से सिम प्राप्त की गई। गौरतलब है कि एक अक्टूबर से पशुगणना का कार्य शुरू होना था, लेकिन गांवों के नाम की सूची ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पाई। जनगणना कार्य में 60 ग्रामीण तथा 12 शहरी क्षेत्र में प्रगणक लगाए गए हैं। विभाग को करीब एक माह पहले ही टेबलेट कम्प्यूटर वितरित कर दिए गए थे। इसके बाद भी पशुगणना के कार्य में देरी हुई।
कुचामनसिटी. पशुपालन विभाग की ओर से किए जाने वाली पशुगणना डाटा कनेक्टिविटी नहीं होने से अटक गई। ऐसे में पशुगणना का कार्य समय पर शुरू नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री के डिजिटिल इंडिया इनेशिएटिव के तहत डिजिटल तकनीक का उपयोग कर पशुगणना का कार्य किया जाना था। पशुगणना में टेबलेट कम्प्यूटर का उपयोग भी किया जाना है। इससे पहले 20वीं पशुगणना के लिए सॉफ्टवेयर लांच किया गया, लेकिन सॉफ्टवेयर में समय में डाटा कनेक्टिविटी नहीं हो पाई। इसके पीछे कारण रहा कि कौनसी कंपनी की सिम से इंटरनेट शुरू किया जाए। विभाग के स्तर पर तय होने के बाद सोमवार को बीएसएनएल की सिम प्राप्त होने की बात कही गई और नागौर से सिम प्राप्त की गई। गौरतलब है कि एक अक्टूबर से पशुगणना का कार्य शुरू होना था, लेकिन गांवों के नाम की सूची ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पाई। जनगणना कार्य में 60 ग्रामीण तथा 12 शहरी क्षेत्र में प्रगणक लगाए गए हैं। विभाग को करीब एक माह पहले ही टेबलेट कम्प्यूटर वितरित कर दिए गए थे। इसके बाद भी पशुगणना के कार्य में देरी हुई।
छोटे-बड़े सब की करनी है गणना
विभाग के कार्मिकों को छोटे-बड़े पशु समेत सभी की गणना करनी है। पिछली बार साढ़े चार लाख के करीब बड़े पशु गणना में शामिल हुए थे। इसके अलावा छोटे पशु भी बहुतायत में है। ऐसे में गणना के बाद ही पता लग सकेगा कि इस बार पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई या नहीं।
विभाग के कार्मिकों को छोटे-बड़े पशु समेत सभी की गणना करनी है। पिछली बार साढ़े चार लाख के करीब बड़े पशु गणना में शामिल हुए थे। इसके अलावा छोटे पशु भी बहुतायत में है। ऐसे में गणना के बाद ही पता लग सकेगा कि इस बार पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई या नहीं।
इनका कहना है
डाटा कनेक्टिविटी के अभाव में पशुगणना का कार्य शुरू नहीं हो पाया। नागौर से सिम प्राप्त हो गई। इसके बाद जल्द ही पशुगणना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में 12 तथा 60 ग्रामीण क्षेत्र में कार्मिक लगाए गए हैं।
– डॉ. विवेक, वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग कुचामनसिटी
डाटा कनेक्टिविटी के अभाव में पशुगणना का कार्य शुरू नहीं हो पाया। नागौर से सिम प्राप्त हो गई। इसके बाद जल्द ही पशुगणना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में 12 तथा 60 ग्रामीण क्षेत्र में कार्मिक लगाए गए हैं।
– डॉ. विवेक, वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग कुचामनसिटी