scriptअब कुचामन में ही हो सकेगी मिट्टी के नमूनों की जांच | Now the investigation of soil samples may be done in Kuchaman | Patrika News

अब कुचामन में ही हो सकेगी मिट्टी के नमूनों की जांच

locationकुचामन शहरPublished: Nov 29, 2017 10:44:26 am

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कृषि विभाग ने दूसरी कंपनी को दिया ठेका, पहले अन्यत्र भेजने पड़ते थे नमूने

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कुचामनसिटी. अब मिट्टी के नमूनों की जांच कुचामन में ही हो सकेगी। ऐसे में किसानों को मिट्टी की जांच करवाने के लिए अन्य प्रयोगशालाओं के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कृषि विभाग ने अभी हाल ही में दूसरी कंपनी को नमूनों की जांच का ठेका दे दिया है। कंपनी ने नमूनों की जांच का कार्य भी शुरू कर दिया है। अब तक 1500 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। हालांकि कुचामन क्षेत्र का अभी एक भी सेम्पल नहीं जांचा गया है, लेकिन जल्द ही स्थानीय क्षेत्र के नमूनों की जांच भी शुरू हो जाएगी। पहले दूसरी कंपनी को ठेका दिया हुआ था। इस दौरान नमूनों की जांच का कार्य धीमा हो गया। लम्बे समय से कुचामन में नमूनों की जांच का कार्य बंद पड़ा हुआ था। ऐसे में लाडनूं, डेगाना, मेड़ता व नागौर प्रयोगशाला में नमूने भिजवाए जाते थे, लेकिन नमूनों की जांच रिपोर्ट में काफी समय लगता था। एक बार तो ऐसी स्थिति बनी कि जयपुर प्रयोगशाला में नमूने जांच के लिए भिजवाने पड़े। उल्लेखनीय है कि कुचामन में सहायक निदेशक कृषि कार्यालय है, जिसके अन्तर्गत डीडवाना, नावां, परबतसर, मकराना, मौलासर, लाडनूं व कुचामनसिटी ब्लॉक आते हैं।
फिर भी पूरी नहीं होगी जांच
कुचामन में प्रयोगशाला तो शुरू हो गई, लेकिन यहां पर सभी पोषक तत्वों की जांच नहीं हो पाएगी। नमूनों की जांच में दस पोषक तत्व शामिल होते हैं। लेकिन कुचामन में छह पोषक तत्वों की ही जांच हो पाएगी। चार पोषक तत्वों की जांच के लिए मिट्टी के नमूने मेड़ता भिजवाने पड़ेंगे। कुचामन में पीएच, ईसी, पोटाश, फास्फोरस, सल्फर, ऑर्गेनिक कम्पाउंड की जांच होगी। जबकि मेग्निशियम, जिंक, कॉपर व फेरस की जांच के लिए नमूनों को मेड़ता भिजवाना पड़ेगा।
इसी माह शुरू हुआ कार्य
कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय स्थित प्रयोगशाला में इसी माह नमूनों की जांच का कार्य शुरू हुआ है। कृषि विभाग की ओर से बजट मंजूर होने के बाद आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए। एक नवम्बर से सेम्पलिंग का कार्य भी शुरू करवाया गया। हालांकि अभी कुचामन क्षेत्र के नमूनों की जांच नहीं हो रही है। एक नवम्बर से पहले अक्टूबर माह में चार दिन के लिए कार्य शुरू हुआ, लेकिन फिर बंद हो गया। अब स्थायी रूप से सेम्पलिंग का कार्य शुरू हो गया है।
लग रहा समय
नमूनों की जांच के बाद नागौर कार्यालय में मृदा कार्ड के लिए रिपोर्ट जाती है। इसके बाद कार्ड बनता है, लेकिन किसानों को मृदा कार्ड के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता है। कई किसानों ने कई माह पहले नमूनों की जांच के लिए सेम्पल दिए थे, लेकिन अभी तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है।
पहले दूसरी कंपनी के पास नमूनों की जांच का ठेका था। कुछ माह पहले हमने दूसरी कंपनी को ठेका दे दिया। बजट मंजूर होने के बाद प्रयोगशाला के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए। दिसम्बर माह से कुचामन क्षेत्र के नमूनों की जांच में तेजी आ जाएगी।
– भंवरलाल बाजिया, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी
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