फिर भी पूरी नहीं होगी जांच
कुचामन में प्रयोगशाला तो शुरू हो गई, लेकिन यहां पर सभी पोषक तत्वों की जांच नहीं हो पाएगी। नमूनों की जांच में दस पोषक तत्व शामिल होते हैं। लेकिन कुचामन में छह पोषक तत्वों की ही जांच हो पाएगी। चार पोषक तत्वों की जांच के लिए मिट्टी के नमूने मेड़ता भिजवाने पड़ेंगे। कुचामन में पीएच, ईसी, पोटाश, फास्फोरस, सल्फर, ऑर्गेनिक कम्पाउंड की जांच होगी। जबकि मेग्निशियम, जिंक, कॉपर व फेरस की जांच के लिए नमूनों को मेड़ता भिजवाना पड़ेगा।
कुचामन में प्रयोगशाला तो शुरू हो गई, लेकिन यहां पर सभी पोषक तत्वों की जांच नहीं हो पाएगी। नमूनों की जांच में दस पोषक तत्व शामिल होते हैं। लेकिन कुचामन में छह पोषक तत्वों की ही जांच हो पाएगी। चार पोषक तत्वों की जांच के लिए मिट्टी के नमूने मेड़ता भिजवाने पड़ेंगे। कुचामन में पीएच, ईसी, पोटाश, फास्फोरस, सल्फर, ऑर्गेनिक कम्पाउंड की जांच होगी। जबकि मेग्निशियम, जिंक, कॉपर व फेरस की जांच के लिए नमूनों को मेड़ता भिजवाना पड़ेगा।
इसी माह शुरू हुआ कार्य
कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय स्थित प्रयोगशाला में इसी माह नमूनों की जांच का कार्य शुरू हुआ है। कृषि विभाग की ओर से बजट मंजूर होने के बाद आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए। एक नवम्बर से सेम्पलिंग का कार्य भी शुरू करवाया गया। हालांकि अभी कुचामन क्षेत्र के नमूनों की जांच नहीं हो रही है। एक नवम्बर से पहले अक्टूबर माह में चार दिन के लिए कार्य शुरू हुआ, लेकिन फिर बंद हो गया। अब स्थायी रूप से सेम्पलिंग का कार्य शुरू हो गया है।
कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय स्थित प्रयोगशाला में इसी माह नमूनों की जांच का कार्य शुरू हुआ है। कृषि विभाग की ओर से बजट मंजूर होने के बाद आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए। एक नवम्बर से सेम्पलिंग का कार्य भी शुरू करवाया गया। हालांकि अभी कुचामन क्षेत्र के नमूनों की जांच नहीं हो रही है। एक नवम्बर से पहले अक्टूबर माह में चार दिन के लिए कार्य शुरू हुआ, लेकिन फिर बंद हो गया। अब स्थायी रूप से सेम्पलिंग का कार्य शुरू हो गया है।
लग रहा समय
नमूनों की जांच के बाद नागौर कार्यालय में मृदा कार्ड के लिए रिपोर्ट जाती है। इसके बाद कार्ड बनता है, लेकिन किसानों को मृदा कार्ड के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता है। कई किसानों ने कई माह पहले नमूनों की जांच के लिए सेम्पल दिए थे, लेकिन अभी तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है।
नमूनों की जांच के बाद नागौर कार्यालय में मृदा कार्ड के लिए रिपोर्ट जाती है। इसके बाद कार्ड बनता है, लेकिन किसानों को मृदा कार्ड के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता है। कई किसानों ने कई माह पहले नमूनों की जांच के लिए सेम्पल दिए थे, लेकिन अभी तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है।
पहले दूसरी कंपनी के पास नमूनों की जांच का ठेका था। कुछ माह पहले हमने दूसरी कंपनी को ठेका दे दिया। बजट मंजूर होने के बाद प्रयोगशाला के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए। दिसम्बर माह से कुचामन क्षेत्र के नमूनों की जांच में तेजी आ जाएगी।
– भंवरलाल बाजिया, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी
– भंवरलाल बाजिया, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी