इनका कहना है
शहर का विस्तार काफी बढ़ गया है। जबकि बरसों से कुचामन में चार पोस्टमैन ही कार्यरत है। यहां पोस्टमैन के पद बढऩे चाहिए। पोस्टमैन को डाक वितरण के अलावा अन्य कार्य भी करने पड़ते हैं।
– कल्याणमल, पोस्टमास्टर, डाक विभाग, कुचामनसिटी
शहर का विस्तार काफी बढ़ गया है। जबकि बरसों से कुचामन में चार पोस्टमैन ही कार्यरत है। यहां पोस्टमैन के पद बढऩे चाहिए। पोस्टमैन को डाक वितरण के अलावा अन्य कार्य भी करने पड़ते हैं।
– कल्याणमल, पोस्टमास्टर, डाक विभाग, कुचामनसिटी
मार्च तक कैसे पूरी होगी पशुगणना
कुचामनसिटी. पशुपालन विभाग में इन दिनों पशुगणना का कार्य किया जा रहा है। कार्मिकों को पशुगणना मार्च तक पूरी करनी है। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात से हो रही है कि विभाग ने जितने कार्मिक पशुगणना में लगाए हैं, वे कम ही लग रहे हैं। वहीं लाखों की संख्या में पशुधन है। सूत्रों के अनुसार अभी तक पशुगणना का कार्य उतनी गति से नहीं हो पाया है, जितनी गति से होना चाहिए। ऐसे में लग रहा है कि मार्च तक पशुगणना का कार्य कैसे पूरा होगा। जानकारी के अनुसार करीब 72 कर्मचारियों को पशुगणना का कार्य सौंपा गया है। इन्हें विभाग की ओर से टेबलेट भी दिए गए हैं। ये अपनी ड्यूटी समय के बाद समय निकालकर पशुगणना का कार्य कर रहे हैं। एक कार्मिक को प्रतिदिन 50 पशुपालकों के घरों में जाकर रोज पशुगणना का कार्य करना पड़ रहा है। हालांकि इसके लिए उनको प्रति पशुपालक के घर का करीब सात रुपए पारिश्रमिक दिया जा रहा है। लेकिन कार्मिक मुश्किल से ही समय निकाल पा रहे हैं। क्योंकि शाम चार बजे बाद एक-दो घंटे में दिन अस्त हो जाता है। ऐसे में पशुधन की गणना का कार्य प्रभावित हो रहा है। गौरतलब है कि पशुगणना का कार्य 31 मार्च तक पूरा करना है। इधर, इस संबंध में वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी डॉ. विवेक ने बताया कि कार्मिकों को ड्यूटी समय बाद पशुधन की गणना का कार्य भी करना पड़ रहा है। इससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है।
कुचामनसिटी. पशुपालन विभाग में इन दिनों पशुगणना का कार्य किया जा रहा है। कार्मिकों को पशुगणना मार्च तक पूरी करनी है। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात से हो रही है कि विभाग ने जितने कार्मिक पशुगणना में लगाए हैं, वे कम ही लग रहे हैं। वहीं लाखों की संख्या में पशुधन है। सूत्रों के अनुसार अभी तक पशुगणना का कार्य उतनी गति से नहीं हो पाया है, जितनी गति से होना चाहिए। ऐसे में लग रहा है कि मार्च तक पशुगणना का कार्य कैसे पूरा होगा। जानकारी के अनुसार करीब 72 कर्मचारियों को पशुगणना का कार्य सौंपा गया है। इन्हें विभाग की ओर से टेबलेट भी दिए गए हैं। ये अपनी ड्यूटी समय के बाद समय निकालकर पशुगणना का कार्य कर रहे हैं। एक कार्मिक को प्रतिदिन 50 पशुपालकों के घरों में जाकर रोज पशुगणना का कार्य करना पड़ रहा है। हालांकि इसके लिए उनको प्रति पशुपालक के घर का करीब सात रुपए पारिश्रमिक दिया जा रहा है। लेकिन कार्मिक मुश्किल से ही समय निकाल पा रहे हैं। क्योंकि शाम चार बजे बाद एक-दो घंटे में दिन अस्त हो जाता है। ऐसे में पशुधन की गणना का कार्य प्रभावित हो रहा है। गौरतलब है कि पशुगणना का कार्य 31 मार्च तक पूरा करना है। इधर, इस संबंध में वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी डॉ. विवेक ने बताया कि कार्मिकों को ड्यूटी समय बाद पशुधन की गणना का कार्य भी करना पड़ रहा है। इससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है।