scriptआवासीय भूमि पर बन गए रिसॉर्ट और कॉम्प्लेक्स | Resorts and complexes built on residential land | Patrika News

आवासीय भूमि पर बन गए रिसॉर्ट और कॉम्प्लेक्स

locationकुचामन शहरPublished: Sep 08, 2019 11:16:46 am

Submitted by:

Hemant Joshi

कुचामनसिटी. Resorts and complexes built on residential land शहर में भूमाफिया हावी है, बिल्डर तो अधिकारियों और दबंगों की शह पर लोगों को आंख दिखा रहे है। आवासीय भूमि पर सैंकड़ों व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनकर खड़े हैं, अब तो रिसॉर्ट भी बिना अनुमति और भूसंपरिवर्तन के संचालित होने लगे है। कुचामन शहर का हाल कुछ ऐसा ही है। जिसका ख

kuchaman. Resorts and complexes built on residential land

kuchaman. Resorts and complexes built on residential land

नगरपालिका की नाकामी से Resorts and complexes built on residential land कुचामन का आधारभूत ढांचा बिगड़ रहा है और जिम्मेदार अधिकारी हरमर्तबा कार्रवाई करने का झूठा दावा कर रहे है। पिछले दो साल में पालिका ने किसी भी अवैध निर्माण पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। यही कारण है कि बिना ले आउट प्लान के आवासीय कॉलोनियां विकसित की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें आवासीय भूमि पर ही रिसॉर्ट बना लिया गया है।
शहरों के आधारभूत और सुनियोजित विकास को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने वर्ष २०११ में मास्टर प्लान लागू किया था। जिसमें शहरों की आवश्यक सुविधाओं को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित करने के साथ ही शहर की बसावट एवं पर्यावरण संरक्षण का नीति निर्धारण किया था। लेकिन सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर शहर की सरकारें कालिख पोत रही है। मास्टर प्लान ही नहीं उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना भी खुलेआम हो रही है। जनता की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिसका खामियाजा हर शहरवासी को चुकाना पड़ रहा है।
नागौर जिले में सर्वाधिक तेज गति से विकास की ओर अग्रसर कुचामन शहर का हाल ऐसा है कि यहां मास्टर प्लान लागू होने के बाद से ही मास्टर प्लान की अवहेलना शुरु कर दी गई। आबादी इलाके में व्यवसायिक कॉम्प्लेक्सों का निर्माण आम जन के लिए बड़ी परेशानी है।आवासीय निर्माण की ईजाजत लेकर बिल्डर खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
पत्रिका ने मुद्दा उठाया तो अधिकारी बोले कार्रवाई करेंगे- दो माह बाद भी नहीं कोई कार्रवाई
– दो मंजिला मकान की अनुमति और बन गया कॉम्प्लैक्स-
शहर में न्यू कॉलोनी में नगरपालिका अध्यक्ष राधेश्याम गट्टाणी के घर से महज ५ मीटर की दूरी पर एक चार मंजिला कॉम्प्लेक्स निर्माणाधीन है। इस कॉम्प्लेक्स के लिए महज दो मंजिला आवासीय मकान की इजाजत ली गई थी, लेकिन मौके पर पांच मंजिला कॉम्प्लैक्स बन कर तैयार हो गया है जिसमें प्रथम तल पर दुकानें बनाई गई है। आरटीआई के तहत पालिका से जब इस निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स की पत्रावली निकलवाई तो सच सामने आया। पार्षद इसका विरोध भी कर चुके हैं। इस मामले में अधिशासी अधिकारी श्रवणराम चौधरी और खुद नगरपालिका अध्यक्ष राधेश्याम गट्टाणी कार्रवाई करने का दावा कर चुके हैं, लेकिन दो माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और निर्माण कार्य अब भी बदस्तूर जारी है।
बुड़सू रोड के पास नियमों के विपरीत बन गया रिसॉर्ट-
शहर में बुड़सू रोड के पास ही आवासीय कॉलोनी के बीच में रिसॉर्ट संचालित हो रहा है। जहां स्वीमिंग पूल, रेस्टोंरेंट जैसी सुविधाएं है लेकिन इस रिसॉर्ट में ना तो पार्किंग की सुविधा है और ना ही नगरपालिका से निर्माण संबंधी ईजाजत ली गई है। आवासीय भूमि पर ही रिसॉर्ट का निर्माण करवा लिया गया है। करीब एक साल पहले बने इस रिसॉर्ट के बारे में पालिका के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक की रिसॉर्ट संचालक ने पालिका से भूसंपरिवर्तन के लिए भी आवेदन तक नहीं किया।
केवल कागजी नक्शों पर स्वीकृतियां, निर्माण की नहीं होती जांच-
Resorts and complexes built on residential land बदहाल होते शहर के ढांचे के साथ खिलवाड़ करती नगरपालिका के जिम्मेदारों की बेपरवाही यह है कि बस महज कागजी झूठे नक्शे को आधार मानते हुए पत्रावलियां स्वीकृत कर लेते है। इन्हीं के आधार पर इन्हें भवन निर्माण की स्वीकृति भी दे दी जाती है। इसी का परिणाम है कि अधिकतर कॉम्प्लेक्सों में पार्किंग ही नहीं बनाई जा रही है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि निर्माण स्वीकृति में पार्किंग के लिए अनिवार्य जगह रखने की बाध्यता क्या नगरपालिका के जिम्मेदारों ने स्थानीय स्तर पर मनमर्जी से ही खत्म कर दी है। नगरपालिका में होने वाली बोर्ड की अधिकांश बैठकों में पार्षदों की ओर से यह मुद्दे उठाए जाते है। लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती।
बोर्ड ने लिए थे अवैध निर्माण तोडऩे के प्रस्ताव-
नगरपालिका की साधारण सभाओं में वर्ष २०१५ से नगरपालिका की बोर्ड बैठकों में अवैध निर्माण कार्यों पर कार्रवाई को लेकर प्रस्ताव लिए जा रहे है। जिनमें अतिक्रमण तुड़वाने के साथ ही बिना अनुमति निर्माण पर कार्रवाई, नियमविरुद्ध निर्माण को तुड़वाने के लिए निर्णय लिए जा चुके है। जिस पर पालिका हर बार ऐसे निर्माण कार्यों की सूची बनाकर कार्रवाई करने की तैयारी करने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर कार्रवाई शुरु होने से पहले ही फाइल दब जाती है। इन सबके बावजूद पालिका के प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
इन सवालों पर क्या बोले ईओ-
पत्रिका- सदन में कई बार निर्णय के बावजूद पालिका प्रशासन तुड़वाने की कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा?
ईओ- पालिका की टीम की ओर से सर्वे करवाया जा रहा है। ऐसे सभी कॉम्प्लेक्सों पर कार्रवाई की जाएगी।
पत्रिका- नगरपालिका की ओर से खामियां पाए जाने पर क्यों केवल शुल्क वसूली की खानापूर्ति की गई?
ईओ- ऐसा नहीं है, प्रावधान के अनुसार ही कार्रवाई की जाती है। यदि कोई ऐसा मामला सामने आएगा तो सीज करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
पत्रिका- बिना ले आउट प्लान के कॉलोनी काटी गई थी, उस पर क्या कार्रवाई की है?
ईओ- ले आउट प्लान पेश करने के लिए नोटिस जारी किया है।
पत्रिका- बिना निर्माण स्वीकृति के आवासीय भूमि पर रिसॉर्ट चल रहे हैं, पालिका ने क्या कार्रवाई की?
ईओ- बिना अनुमति के यदि कोई रिसॉर्ट चल रहा है तो शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।
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