जानकारों की मानें तो ग्राम पंचायतों का कोष बिजली के बिलों, पम्पचालकों के मानदेय में खर्च हो चुका है। वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत केवल नाडी व तलाई खुदाई के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। सांसद व विधायक मद से ग्राम पंचायतों को सिर्फ पांच-पांच लाख रुपए की राशि ही दी जा रही है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों के बजट का अभाव रहेगा। राज्य सरकार द्वारा दस लाख रुपए तक की वित्तीय स्वीकृति का आदेश कोटेशन के आधार पर कार्य करने का कार्य अधिकार देे दिया गया है, लेकिन ग्राम सेवक व सरपंच इस कार्यवाही को समझ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में विकास कार्य मंद पड़े हुए हैं।
31 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार पंचायत समिति की कुछ ग्राम पंचायतों में काफी कार्य चल रहे हैं। इसके तहत चावंडिया में 6, इंडाली में 8, कुकनवाली में 7, नगवाड़ा में 5 कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी कार्य चल रहे हैं, लेकिन वहां 3-4 या 1-2 कार्य औसत रूप से चल रहे हैं।
– लालाराम अणदा, प्रदेश प्रवक्ता, सरपंच संघ राजस्थान
– विजयप्रकाश शर्मा, विकास अधिकारी, कुचामनसिटी