कुचामन शहर

कछुआ चाल से हो रहा काम

ग्राम पंचायतों में विभिन्न मदों के विकास कार्यों का मामला, 530 में से 246 कार्य लंबित

कुचामन शहरNov 22, 2017 / 07:18 pm

Kamlesh Kumar Meena

kuchaman

कुचामन पंचायत समिति के अधीन चल रहे विकास कार्य गति नहीं पकड़ पा रहे हैं। किसी ग्राम पंचायत में चौदहवें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग मद के कार्य तो किसी में विधायक व सांसद मद के कार्य लम्बित पड़े हुए हैं। पत्रिका ने मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। जानकारी के अनुसार वर्तमान में पंचायत समिति की 31 ग्राम पंचायतों में कुल 530 कार्यों में से 246 कार्य लंबित चल रहे हैं। जबकि करीब 284 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। सबसे ज्यादा कार्य राज्य वित्त आयोग के अटके हुए हैं। वहीं सांसद निधि (स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) के कार्यों की रफ्तार काफी तेज है। इसमें कुल 25 कार्यों में से 20 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जबकि दो जगह कार्य चल रहा है। वहीं दो अभी हाल ही में स्वीकृत किए गए हैं। विधायक मद के कार्यों की बात करें तो वर्तमान में 69 कार्यों में से अभी तक 34 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जबकि 35 कार्य प्रगति पर है। इसी तरह चौदहवें वित्त आयोग के तहत स्वीकृत कार्य 259 में 139 पूर्ण हो चुके हैं। जबकि 120 जगहों पर कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि ब्लॉक की विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्कूलों में कमरा-बरामदा निर्माण, फर्नीचर, ट्यूबवैल, पानी की टंकी, सीसी ब्लॉक, टंकियां, पाइप लाइन सहित कई कार्य चल रहे हैं।
इधर, फंड हो चुका खर्च
जानकारों की मानें तो ग्राम पंचायतों का कोष बिजली के बिलों, पम्पचालकों के मानदेय में खर्च हो चुका है। वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत केवल नाडी व तलाई खुदाई के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। सांसद व विधायक मद से ग्राम पंचायतों को सिर्फ पांच-पांच लाख रुपए की राशि ही दी जा रही है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों के बजट का अभाव रहेगा। राज्य सरकार द्वारा दस लाख रुपए तक की वित्तीय स्वीकृति का आदेश कोटेशन के आधार पर कार्य करने का कार्य अधिकार देे दिया गया है, लेकिन ग्राम सेवक व सरपंच इस कार्यवाही को समझ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में विकास कार्य मंद पड़े हुए हैं।
इन ग्राम पंचायतों में सबसे ज्यादा
31 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार पंचायत समिति की कुछ ग्राम पंचायतों में काफी कार्य चल रहे हैं। इसके तहत चावंडिया में 6, इंडाली में 8, कुकनवाली में 7, नगवाड़ा में 5 कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी कार्य चल रहे हैं, लेकिन वहां 3-4 या 1-2 कार्य औसत रूप से चल रहे हैं।
ग्राम पंचायतों के पास केन्द्रीय मद व राज्य मद तो बिजली के बिलों पर पम्प चालकों के भुगतान पर व स्टेशनरी सामान खरीदने में ही पूर्ण हो जाता है। दूसरी ओर सांसद मद व विधायक तथा नरेगा मद में बजट कम प्राप्त होता है। तीसरी ओर राज्य सरकार द्वारा हाल ही जारी आदेश जिसमें ग्रामीण विकास के लिए तीन कोटेशन की प्रणाली अपनाकर ग्राम पंचायतें अब अपने कार्य को गति प्रदान करेगी।
– लालाराम अणदा, प्रदेश प्रवक्ता, सरपंच संघ राजस्थान
कार्यों में तेजी लाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यों की मंद गति को लेकर रूपपुरा ग्राम सेवक को एपीओ करने की कार्रवाई की गई है। साथ ही कुछ ग्राम सेवकों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। 22 नवम्बर को बैठक होगी, जिसमें कार्यों को गति देने पर विशेष चर्चा की जाएगी।
– विजयप्रकाश शर्मा, विकास अधिकारी, कुचामनसिटी
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