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आए दिन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी बढ़ाती है मुसीबत

locationकुचामन शहरPublished: Nov 01, 2018 10:53:32 am

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा सहयोगिनियों को मिलने वाली राशि का मामला, पूरी नहीं मिल पाती प्रोत्साहन राशि

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कुचामनसिटी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा सहयोगिनियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि कभी तकनीकी गड़बड़ तो कभी लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। इससे आशा सहयोगिनियों को प्रतिमाह मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस ओर विभाग का ध्यान भी नहीं जाता। जानकारी के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आशा सॉफ्टवेयर में आए दिन तकनीकी गड़बड़ी आ जाती है। इससे सहयोगिनियों के फॉर्म ऑनलाइन नहीं अपलोड हो पाते और प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ता है। वर्तमान में ब्लॉक के प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर आशा सहयोगिनी नियुक्त है। आशा सहयोगिनियां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का कार्य भी करती है। इसके बदले उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाती है। आशाएं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का प्रति माह जितना कार्य करती है। उसका विवरण भरकर वह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर देती है। यह फॉर्म उनको प्रत्येक माह की 25 तारीख से पहले जमा करवाने पड़ते हैं। बाद में प्रत्येक माह की 27 से 4 तारीख तक आशाओं के क्लेम फॉर्म को ऑनलाइन करने का कार्य किया जाता है। इस दौरान कई बार सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के कारण वह नहीं चलता और ऑनलाइन फॉर्म अपलोड होने से रह जाता है। कई बार पीएचसी पर कार्यरत कर्मचारी भी अपनी लापरवाही से क्लेम फॉर्म को पीएचसी पर ही पड़ा छोड़ देता है। इससे आशा सहयोगिनियों की ओर से किए गए कार्य की मेहनत पर पानी फिर जाता है। यह समस्या आए दिन सामने आती है, लेकिन विभाग का सॉफ्टवेयर मुख्यालय से ही संचालित होता है।
एएनएम से करवाना पड़ता है वैरिफाई
आशा सहयोगिनियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जितनी राशि मिलती है। उससे ज्यादा उन्हें चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे पहले उन्हें गर्भधात्रियों से आवश्यक दस्तावेज जुटाने पड़ते हैं। इसके बाद उन कागजों को एएनएम से वैरिफाई करवाना पड़ता है। इसके बाद पीएचसी पर अपना क्लेम फॉर्म जमा करवाना पड़ता है। बाद में वहां से फॉर्म ऑनलाइन होने के बाद राशि आशाओं के खाते में स्थानांतरित की जाती है, लेकिन अधिकतर आशाओं को यह राशि पूरी नहीं मिल पाती। जबकि पूरे माह उन्हें काफी भागदौड़ करनी पड़ती है।
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