ये किसान दायरे में
विभाग ने सोलर पम्प के लिए विभिन्न शर्तें निर्धारित की है। जिन किसानों के पास बिजली नहीं है तथा जिस किसान के पास बिजली कनेक्शन 2016 तक बिजली बोर्ड में रजिस्ट्रेशन है और उसको बंद करवा लिया या कटवा लिया तो वह प्रमाण पत्र लाकर सब्सिडी प्राप्त कर सकता है। जलहौज, फार्म पौंड, सामुदायिक जलस्रोत वाले किसान तीन एचपी तक का सोलर पम्प पम्प लगवा सकते हैं और 60-65 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। वहीं टूयूबवैल कुएं वाले साधारण किसान 50-55 प्रतिशत अनुदान के साथ 5 एचपी का सोलर पम्प लगवा सकते हैं। हालांकि सब्सिडी पांच एचपी तक ही मिलेगी।
विभाग ने सोलर पम्प के लिए विभिन्न शर्तें निर्धारित की है। जिन किसानों के पास बिजली नहीं है तथा जिस किसान के पास बिजली कनेक्शन 2016 तक बिजली बोर्ड में रजिस्ट्रेशन है और उसको बंद करवा लिया या कटवा लिया तो वह प्रमाण पत्र लाकर सब्सिडी प्राप्त कर सकता है। जलहौज, फार्म पौंड, सामुदायिक जलस्रोत वाले किसान तीन एचपी तक का सोलर पम्प पम्प लगवा सकते हैं और 60-65 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। वहीं टूयूबवैल कुएं वाले साधारण किसान 50-55 प्रतिशत अनुदान के साथ 5 एचपी का सोलर पम्प लगवा सकते हैं। हालांकि सब्सिडी पांच एचपी तक ही मिलेगी।
इतना आएगा खर्चा
सोलर पम्प लगाने में सरकार की ओर से अभी पम्पसेट की कीमत व कम्पनियों का निर्धारण नहीं किया गया है और सरकार के स्तर पर ये मामला अभी प्रक्रियाधीन है। जिस कम्पनी का उद्यान विभाग के रजिस्ट्रेशन है वहीं कम्पनियां सोलर पम्प लगा सकती है। वर्तमान में तीन एचपी का पम्पसेट लगाने पर तीन लाख का खर्चा आता है। हालांकि विभाग से लेने पर इसका अनुदान प्राप्त हो जाता है।
सोलर पम्प लगाने में सरकार की ओर से अभी पम्पसेट की कीमत व कम्पनियों का निर्धारण नहीं किया गया है और सरकार के स्तर पर ये मामला अभी प्रक्रियाधीन है। जिस कम्पनी का उद्यान विभाग के रजिस्ट्रेशन है वहीं कम्पनियां सोलर पम्प लगा सकती है। वर्तमान में तीन एचपी का पम्पसेट लगाने पर तीन लाख का खर्चा आता है। हालांकि विभाग से लेने पर इसका अनुदान प्राप्त हो जाता है।
गहराई का पड़ रहा चक्कर
सोलर पम्प सेट लगाने वाले किसान को जलस्तर गहराने से काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुचामन क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे चले जाने से उन्हें ज्यादा एचपी की क्षमता का सोलर पम्प लगवाना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें पम्पसेट लगवाने में ज्यादा लागत झेलनी पड़ रही है। वर्तमान में कुचामन क्षेत्र में जलस्तर तीन सौ फीट से भी नीचे चला गया है।
सोलर पम्प सेट लगाने वाले किसान को जलस्तर गहराने से काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुचामन क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे चले जाने से उन्हें ज्यादा एचपी की क्षमता का सोलर पम्प लगवाना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें पम्पसेट लगवाने में ज्यादा लागत झेलनी पड़ रही है। वर्तमान में कुचामन क्षेत्र में जलस्तर तीन सौ फीट से भी नीचे चला गया है।
जिन किसानों ने सोलर पम्पसेट के लिए आवेदन ऑनलाइन अपलोड करवाया है। उनके जल्द ही कार्यादेश जारी किए जाएंगे। किसान को सोलर पम्प सेट का कोटेशन उपलब्ध करवाना होगा, इसके लिए उनको सब्सिडी जारी की जाएगी। हालांकि इससे पहले किसान को मूल दस्तावेजों की फाइल उद्यान विभाग में जमा करवानी होगी।
– पन्नालाल जाट, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग नागौर
– पन्नालाल जाट, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग नागौर