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किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे सोलर ऊर्जा पम्पसेट

locationकुचामन शहरPublished: Dec 17, 2017 04:58:32 pm

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कुचामन क्षेत्र में किसान दिखा रहे रुचि, खर्च ज्यादा, लेकिन बिलों से के झंझट से मुक्ति

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कुचामनसिटी. क्षेत्र में सोलर ऊर्जा पम्पसेट किसानों के लिए वरदान बन रहे हैं। कई किसान अभी तक अपने खेतों में इस पम्पसेट को लगवा चुके हैं। इससे वे पूरे दिन अपने खेतों को सिंचित कर पा रहे हैं। हालांकि पम्पसेट लगवाने में किसानों को अधिक खर्चा वहन करना पड़ रहा है, लेकिन बिलों के झंझट से उन्हें मुक्ति मिल रही है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने कुछ दिनों पहले सोलर पम्प लगवाने का कार्य विद्युत निगम से लेकर उद्यान विभाग दे दिया है। इसके बाद उद्यान विभाग किसानों के खेतों में सोलर पम्प सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। विभाग के मुताबिक किसानों को सब्सिडी मिल रही है। हालांकि अभी तक किसानों को सब्सिडी नहीं मिल पाई है, लेकिन कुछ दिनों बाद ये कार्य जोर पकड़ लेगा। उद्यान विभाग के पास अभी तक करीब 40 किसानों के आवेदन ऑनलाइन पहुंच गए हैं और विभाग ने उनका वेरिफिकेशन भी कर लिया है। अब जल्द ही किसानों द्वारा कोटेशन उपलब्ध करवाने पर उन्हें अनुदान मुहैया करवाया जाएगा। इधर, कुचामन क्षेत्र में कई किसानों से अपने स्तर पर सोलर पम्पसेट लगवा लिए हैं, जिससे वे अनुदान प्राप्त नहीं कर पाए हैं। विभाग से अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान को ई मित्र पर सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन भरना पड़ता है। इसके बाद आवेदन उद्यान विभाग के पास पहुंचता है। उद्यान विभाग ऑनलाइन आवेदनों की जांच करता है और पात्र व्यक्ति को अनुदान जारी करने की स्वीकृति जारी करता है। इसके बाद किसान मूल दस्तावेज विभाग में जमा करवाता है। इसके साथ जिस कम्पनी का वह पम्प सेट लेना चाहता है, उसका कोटेशन फाइल सहित विभाग में जमा करवानी पड़ती है। इसके बाद जहां से किसान ने सोलर पम्पसेट खरीदा है, उस कम्पनी के नाम राशि जारी कर देता है। इसके बाद किसान को अनुदान प्राप्त हो जाता है। गौरतलब है कि तीन एचपी का सोलर पम्प सेट पूरे दिन खेतों को सिंचित कर रहा है।
ये किसान दायरे में
विभाग ने सोलर पम्प के लिए विभिन्न शर्तें निर्धारित की है। जिन किसानों के पास बिजली नहीं है तथा जिस किसान के पास बिजली कनेक्शन 2016 तक बिजली बोर्ड में रजिस्ट्रेशन है और उसको बंद करवा लिया या कटवा लिया तो वह प्रमाण पत्र लाकर सब्सिडी प्राप्त कर सकता है। जलहौज, फार्म पौंड, सामुदायिक जलस्रोत वाले किसान तीन एचपी तक का सोलर पम्प पम्प लगवा सकते हैं और 60-65 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। वहीं टूयूबवैल कुएं वाले साधारण किसान 50-55 प्रतिशत अनुदान के साथ 5 एचपी का सोलर पम्प लगवा सकते हैं। हालांकि सब्सिडी पांच एचपी तक ही मिलेगी।
इतना आएगा खर्चा
सोलर पम्प लगाने में सरकार की ओर से अभी पम्पसेट की कीमत व कम्पनियों का निर्धारण नहीं किया गया है और सरकार के स्तर पर ये मामला अभी प्रक्रियाधीन है। जिस कम्पनी का उद्यान विभाग के रजिस्ट्रेशन है वहीं कम्पनियां सोलर पम्प लगा सकती है। वर्तमान में तीन एचपी का पम्पसेट लगाने पर तीन लाख का खर्चा आता है। हालांकि विभाग से लेने पर इसका अनुदान प्राप्त हो जाता है।
गहराई का पड़ रहा चक्कर
सोलर पम्प सेट लगाने वाले किसान को जलस्तर गहराने से काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुचामन क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे चले जाने से उन्हें ज्यादा एचपी की क्षमता का सोलर पम्प लगवाना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें पम्पसेट लगवाने में ज्यादा लागत झेलनी पड़ रही है। वर्तमान में कुचामन क्षेत्र में जलस्तर तीन सौ फीट से भी नीचे चला गया है।
जिन किसानों ने सोलर पम्पसेट के लिए आवेदन ऑनलाइन अपलोड करवाया है। उनके जल्द ही कार्यादेश जारी किए जाएंगे। किसान को सोलर पम्प सेट का कोटेशन उपलब्ध करवाना होगा, इसके लिए उनको सब्सिडी जारी की जाएगी। हालांकि इससे पहले किसान को मूल दस्तावेजों की फाइल उद्यान विभाग में जमा करवानी होगी।
– पन्नालाल जाट, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग नागौर
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