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घटी कृषि जोत: प्याज की रोपाई जोरों पर, मजदूरी हुई महंगी

locationकुचामन शहरPublished: Jan 10, 2019 11:47:44 am

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय क्षेत्र का मामला धीरे-धीरे कम होता जा रहा रकबा

Farmers' tears removed onion prices

Farmers’ tears removed onion prices

कुचामनसिटी. कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय क्षेत्र में इन दिनों प्याज की रोपाई जोरों पर चल रही है। हालांकि मजदूरी पहले से काफी महंगी हो गई है। इससे किसानों की कमाई काफी कम हो गई है। पानी की कमी के कारण प्याज का रकबा भी धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक प्याज की उपज को तैयार करने के लिए किसानों को पहले से ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है। वर्तमान में प्याज की फसल को तैयार करने के लिए सबसे पहले बीज की बीजाई करनी पड़ती है। बीजाई के बाद पौध तैयार होती है। फिर इसको खेतों में रोपा जाता है। पौध 45-50 दिन में तैयार होती है। पौध को खेतों में रोपने के लिए मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है। एक मजदूर करीब 300 रुपए की मजदूरी लेता है। वहीं एक बीघा में प्याज की रोपाई करने के लिए 16-17 मजदूरों की आवश्यकता होती है। ऐसे में करीब एक बीघा में पांच हजार रुपए का खर्चा आता है। इसके अलावा बीज, खाद, उर्वरक, बुआई, जुताई, दवाई, सिंचाई का खर्च अलग से होता है। कुछ लोगों का तो मानना है कि प्याज की खेती भाव अच्छे नहीं रहने से घाटे का सौदा साबित हो रही है। अभी जो प्याज की रोपाई हो रही है। वह मई-जून माह तक तैयार हो जाएगा। तब तक भाव कम भी हो सकते हैं। पिछले वर्ष भी सीजन में प्याज का भाव 7-12 रुपए प्रति किलो के आसपास ही रहा था। इस बार भी भाव कम ही रह सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2016-17में क्षेत्र में प्याज का रकबा 3 हजार 885 हैक्टेयर था। इसके बाद 2017-18 में प्याज का रकबा 3000 हैक्टेयर रह गया। वहीं 2018-19 में संभावित रकबा 2500 हैक्टेयर के करीब रहने का ही अनुमान है।
इतनी होती है पैदावार
जानकारों की माने तो प्याज की उपज एक हैक्टेयर में करीब 250-300 क्विंटल होती है। कुचामन का मीठा प्याज काफी प्रसिद्ध है। लेकिन किसानों को मुनाफा कम होने से उनका प्याज की फसल से मोहभंग हो रहा है। हो सकता है प्याज की पैदावार पहले ज्यादा होती हो, लेकिन पिछले दो-तीन साल से तो इतनी ही पैदावार हो रही है।
इनका कहना है
प्याज की रोपाई चल रही है। हालांकि रकबा धीरे-धीरे सिमट रहा है। इस बार 2500 क्विंटल रकबा रहने का अनुमान है। प्याज की रोपाई में मजदूर तो लगते ही है।
– शिशुपाल कांसोटिया, कृषि अधिकारी (फसल), सहायक निदेशक कृषि कार्यालय, कुचामनसिटी

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