scriptशौचालय निर्माण की बाट जोह रहे आंगनबाड़ी केन्द्र | Waiting toilets in kuchaman's anganwadi | Patrika News

शौचालय निर्माण की बाट जोह रहे आंगनबाड़ी केन्द्र

locationकुचामन शहरPublished: Feb 05, 2018 06:17:44 pm

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कुचामन बाल विकास परियोजना क्षेत्र का मामला, 29 केन्द्रों पर नहीं शौचालय की सुविधा

patrika

kuchaman

कुचामनसिटी. भले ही नागौर जिला खुले में शौच मुक्त होने जा रहा हो, लेकिन क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्र अभी भी शौचालय निर्माण की बाट जोह रहे हैं। अकेले कुचामन बाल विकास परियोजना क्षेत्र में 29 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय नहीं है। ऐसे में केन्द्र पर आने वाले बच्चों व आंगनबाड़ीकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में कुचामन परियोजना क्षेत्र के 34 आंगनबाड़ी केन्द्र किराए के भवनों में चल रहे हैं। इनमें से कुछ जगहों पर ही शौचालय की सुविधा है। क्योंकि विभाग की ओर से किराए की राशि बहुत कम दी जाती है। ऐसे में शौचालय वाला भवन मिलना संभव नहीं होता। जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय ही सुविधा नहीं है, उन केन्द्रों में गांधीग्राम, जिलिया तृतीय, चारणवास, इन्दौखा, मुआना, दलेलपुरा प्रथम, दलेलपुरा द्वितीय, पुरोहित का बास, राजलिया प्रथम, राजलिया द्वितीय, दैपुर, नगवाड़ा प्रथम, सिरसी, चौसला प्रथम, बनगढ़, मारोठ प्रथम, मारोठ तृतीय, मारोठ चतुर्थ, जोशीपुरा, केरियापुरा, सौलायां, जीणवार, कांटिया, भगवानपुरा प्रथम, भगवानपुरा द्वितीय, आबास, सांवतगढ़, शिम्भुपुरा, नोलासिया शामिल है। इधर, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उनके विभाग के पास बजट का अभाव है। ऐसे में विभाग की ओर से शौचालय का निर्माण नहीं करवाया जा सकता। ग्राम पंचायतें शौचालय का निर्माण करवा सकती है। इधर, ग्राम पंचायतें हमेशा से बजट का रोना रोती रहती है। उनका मानना है कि उनके पास आय के पर्याप्त स्रोत नहीं है। सरकार की ओर से जो बजट मिलता है, वह भी निर्धारित मद में फिक्स रहता है। ऐसे में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय निर्माण मुमकिन नहीं है। गौरतलब है कि कुचामन बाल विकास परियोजना क्षेत्र में 280 केन्द्र है। सुविधाओं के अभाव में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कुचामन ब्लॉक हुआ ओडीएफ
इधर, कुचामन ब्लॉक ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। हालांकि महत्वपूर्ण जगहों पर शौचालय नहीं होना ओडीएफ के दावों पर सवाल उठा रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सबसे पहले शौचालय निर्माण में अग्रणी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया गया। इसके बाद शेष रही ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया गया।
हमारे पास आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय निर्माण के लिए बजट नहीं है। ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर शौचालय का निर्माण करवा सकती हैं। कुचामन परियोजना क्षेत्र में 29 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
शक्ति सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी, कुचामनसिटी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो