पुनीत कार्य के लिए 26 अप्रेल को होगी बैठक
गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मासिक अभिभावक बैठक (अमास्या) 26 अप्रेल को आयोजित की जाएगी। इधर, मुख्यालय से महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशकों तथा परियोजना अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर परिण्डे बांधकर पक्षी संरक्षण के कार्य में पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मासिक अभिभावक बैठक (अमास्या) 26 अप्रेल को आयोजित की जाएगी। इधर, मुख्यालय से महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशकों तथा परियोजना अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर परिण्डे बांधकर पक्षी संरक्षण के कार्य में पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
इन स्थलों पर बांधे जा सकते हैं परिण्डे
शहर के प्रमुख स्थल जहां पक्षी आसानी से पानी पी सकते हैं, ऐसी जगहों का चुनाव कर वहां परिण्डे बांधे जा सकते हैं। प्रमुख जगहों में पार्क, शिक्षण संस्थान परिसर तथा अन्य स्थलों पर भी परिण्डे बांधने का कार्य किया जा सकता है। हालांकि वर्तमान में शहर में कुछ जगहों पर परिण्डे दिखाई दे रहे हैं, लेकिन अभी तक इनकी संख्या कम ही नजर आ रही है।
शहर के प्रमुख स्थल जहां पक्षी आसानी से पानी पी सकते हैं, ऐसी जगहों का चुनाव कर वहां परिण्डे बांधे जा सकते हैं। प्रमुख जगहों में पार्क, शिक्षण संस्थान परिसर तथा अन्य स्थलों पर भी परिण्डे बांधने का कार्य किया जा सकता है। हालांकि वर्तमान में शहर में कुछ जगहों पर परिण्डे दिखाई दे रहे हैं, लेकिन अभी तक इनकी संख्या कम ही नजर आ रही है।
गर्मी में यदि कोई व्यक्ति पक्षियों के लिए परिण्डे बांधना चाहे तो बहुत अच्छी बात है। हमारे कार्यालय या आसपास भी परिण्डे बांधे जा सकते हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों व कार्यालय परिसर में परिण्डे बांधने यदि कोई योजना है तो इस संबंध में सीडीपीओ ही बता सकते हैं।
– आनंद दायमा, एएओ, महिला एवं बाल विकास विभाग, कुचामन
– आनंद दायमा, एएओ, महिला एवं बाल विकास विभाग, कुचामन
परिण्डे बांधने में कमी जैसी कोई बात नहीं है। लोग पक्षियों के लिए परिण्डे बांधते ही है। हमने शहर के प्रमुख स्थलों पर परिण्डे बांधने की योजना बना रखी है। अब गर्मी भी शुरू हो गई है। ऐसे में जल्द ही परिण्डे बांधने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जहां तक बात है पशुओं की तो उनको ज्यादा पानी की जरूरत होती है। साथ ही खेळी की भी आवश्यकता होती है। जबकि परिण्डे में काफी कम पानी की जरूरत होती है। इस पुनीत कार्य को कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ कर सकता है।
– ओमप्रकाश काबरा, अध्यक्ष, कुचामन विकास समिति, कुचामनसिटी
– ओमप्रकाश काबरा, अध्यक्ष, कुचामन विकास समिति, कुचामनसिटी