कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह पडरौना राज घराने से आते हैं। वहां उन्हें राजा साहेब और भैया जी जैसे नामों से भी लोग सम्बोधित करते हैं। 25 अप्रैल 1964 को जन्मे आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह भी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे। उन्हें इंदिरा गांधी का करीबी माना जाता था। आरपीएन सिंह की स्कूली पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से हुई है। इसी स्कूल से राजीव गांधी और राहुल गांधी ने भी पढ़ाई की थी। उच्च शिक्षा उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कालेज से पाई। उन्होंने वहां से इतिहास में बीए की डिग्री हासिल की है।
कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ओबीसी जाति से आते हैं।मूलतः यह सैथवार जाति के हैं। यूपी की राजीनीति में इनकी जाति का एक बड़ा तबका निवास करता है। पूर्वांचल के सभी विधानसभा क्षेत्र में इस बिरादरी के 10 से 15 हजार वोट हैं। इतने वोट होने के बाद इस जाति का कोई नेता इस पूर्वांचल से नहीं है। कहीं न कहीं आज जब आरपीएन बीजेपी से जुड़े हैं तो वह इसी वोट के सहारे अपनी राजीनीतिक नैया पार करने के जुगत में हैं।
पिता सीपीएन सिंह की हत्या के बाद आरपीएन सिंह राजनीति में आए। उसके बाद वह 1996 , 2002 और 2007 में लगातार तीन बार पडरौना विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे।आरपीएन सिंह 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लडे और तत्कालीन बीएसपी सरकार के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को हराकर सांसद बने। 2011 की कांग्रेस सरकार में केंद्रीय पेट्रोलियम एवम प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रहे. 2012 में केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग और कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री रहे. 2013 से 2014 तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे. उसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव भाजपा के कैंडिडेट से हार गए थे।