scriptपड़रौना चीनी मिल के पुन: चालू होने की संभावना बढ़ी, 27 को कुशीनगर में आ सकते हैं सीएम | CM Yogi Adityanath Can reach in Kushinagar 27 September News In Hindi | Patrika News

पड़रौना चीनी मिल के पुन: चालू होने की संभावना बढ़ी, 27 को कुशीनगर में आ सकते हैं सीएम

locationकुशीनगरPublished: Sep 02, 2017 10:12:00 am

Submitted by:

sarveshwari Mishra

चीनी मिल को पुन: चलाने के लिए केंद्र सरकार ने 25 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है

Cm yogi Adityanath

सीएम योगी आदित्यनाथ

कुशीनगर. लोकसभा चुनाव के दौरान जिले की जनता से प्रधानमंत्री द्वारा किये गए वादे के पूरा होने की संभावना बढ़ गई है। पड़रौना चीनी मिल को पुन: चलाने के लिए केंद्र सरकार ने 25 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है। यही नहीं यदि सबकुछ सही रहा तो 27 सितंबर को मुख्यमंत्री कुशीनगर आ सकते हैं और जनपद के विकास को तेज गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं से जिले में पर्यटन व कुटीर उद्योग को न केवल बढ़ावा मिलेगा बल्कि जिले किसानों की आय बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर होंगे। कुशीनगर जिले के विकास के लिए शुरू होने जा रहे ड्रीम प्रोजेक्ट्स को जिले में स्थापित कराने के पीछे जिलाधिकारी का महत्वपूर्ण योगदान बताया जा रहा है।

मालूम रहे कि लोकसभा चुनाव के समय पडरौना में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले की जनता से पडरौना चीनी मिल को चलवाने का वादा किया था. केंद्र में भाजपा सरकार बनने के तीन साल बाद भी जब पडरौना चीनी मिल को चलवाने के लिए कोई पहल नहीं हुई तो लोगों ने इसे चुनावी जुमला मान लिया था। परंतु जिलाधिकारी आंद्रा वामसी व सांसद की पहल पर पडरौना चीनी मिल को इस सत्र में चलाने के लिए 25 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है। परंतु इसके साथ शर्त यह है कि फैक्ट्री चलाने की अनुमति उसी फर्म को दी जाएगी जो गन्ना किसानों व चीनी मिल मजदूरों के बकाया धनराशि का आधा भुगतान कर देगा. जिलाधिकारी के मुताबिक इस संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं। अंतिम बैठक शीघ्र ही होने वाली है। कोई विशेष अड़चन नहीं आई सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 सितंबर को कुशीनगर में आ रहे हैं।
सूत्रों का मानना है कि जनपद में पर्यटन उद्योग को मजबूत करने के लिए 20 करोड़ का प्रोजेक्ट की आधारशिला मुख्यमंत्री रखेंगे। इसके अलावा लाइट एंड साउंड सिस्टम लगाने सहित पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई उपाय करने का प्लान है। चर्चित मैत्रेय प्रोजेक्ट पर भी मुख्यमंत्री को महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। कहा जा रहा है कि 6 माह के अंदर मैत्रेय प्रोजेक्ट में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई तो यह प्रोजेक्ट हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में चला जाएगा और अधिग्रहित जमीन को किसी और उपयोग में लाया जा सकता है.मालूम रहे कि कुशीनगर जनपद में केला और हल्दी का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है लेकिन इससे जुड़ा कोई उद्योग न होने के कारण किसानों को बहुत फायदा नहीं मिल पाता है। इसी तरह बांस के लिए भी जिले की जलवायु बेहद अनुकूल है. यही नहीं बांस से तरह- तरह के सामन बनाने की कला यहां काफी पहले से अस्तीत्व में है लेकिन संरक्षण के अभाव में यह कला भी दम तोड रही है।
जिलाधिकारी के प्रयास से तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में इनसे जुड़े उद्योग लगाने की भी योजना है. जिले के तमकुहीराज को बिहार प्रांत के बेतिया से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने 46 किमी. लंबी फोरलेन सड़क की मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 130 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके अलावा दुदही – तमकुहीराज , पडरौना से दुदही बाईपास , नौरंगिया से कप्तानगंज के विस्तार व मरम्मत के लिए भी धन आवंटित हो गया है।
 इनपुट- कुशीनगर से अवधेश मल्ल की रिपोर्ट

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