विश्वनाथ राजभर के घर गए थे अरविन्द अरविन्द राजभर ने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि ‘वो पडरौना कोतवाली के एक गांव में 7 जुलाई को विश्वनाथ राजभर, जिनकी हाल ही में हत्या कर दी गयी है उनके परिजनों से मिलने गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां से निकलते समय शाम साढ़े पांच बजे ग्रामा प्रधान राजेंद्र यादव और उनके साथियों ने सुनियोजित तरीके से उनके गाड़ी को रोक लिया। राजेंद्र यादव इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी है।
राजेंद्र के उकसावे पर 300 की भीड़ ने किया गाड़ी पर हमला अरविन्द राजभर ने बताया कि ‘250 से 300 लोगों ने लाठी-डंडे से लैस होकर मेरी गाड़ी घेर ली जिसमे से कुछ ने शराब पी रखी थी। राजेंद्र के उकसावे पर इन लोगों ने गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया पर हमने गाड़ी नहीं रोकी। सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से उस भीड़ से उन्हें बाहर निकाला। इस दौरान 30 से 40 मिनट तक वो व्यक्ति हमें रोकने का प्रयास करते रहे और गाडी में तोड़-फोड़ की।
पुलिस की लापरवाही आई सामने अरविन्द राजभर ने इस वीडियो में पुलसि को आड़े हाथ लिया और कहा कि जी समय यह सब हो रहा था। हमने पुलिस को सूचना दी पर वो मौके पर नहीं पहुंची। इसके अलावा सुबह से ही सुरक्षा के लिए पुलिस को सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई जिसमे मेरी जान भी जा सकती थी क्योंकि वो लोग एक व्यक्ति की जान ले चुके हैं।
बोली पुलिस, हो रही जांच इस सम्बन्ध थाना कोतवाली पडरौना क्षेत्रांतर्गत ग्राम चिरवईहा में 7 जुलाई को हुयी घटना के संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक कुशीनगर ने बताया कि अरविन्द राजभर ग्रामीणों से मिलने गए थे। उनके द्वारा वाहन से वापसी में यह तथ्य प्रकाश में लाया गया कि उनके साथ दुर्व्यहवहार किया गया है। इस मामले में जांच कराई जा रही है।