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यूपी की इस सीट पर महागठबंधन का चेहरा तय करेगा राष्ट्रीय पार्टियों का भविष्य

locationकुशीनगरPublished: Mar 10, 2019 02:20:23 pm

लोकसभा सीट

Akhilesh yadav

अखिलेश यादव, अमित साह और पीएम मोदी

कुशीनगर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है। 2009 में इस सीट से सांसद रह चुके पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह कांग्रेस का पताका लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। कांग्रेस ने आरपीएन सिंह को चुनावी रणक्षेत्र में उतार एक मजबूत प्रत्याशी देने का संदेश जरूर दिया है लेकिन यह प्रत्याशी जीत के कितने करीब होगा महागठबंधन के प्रत्याशी की घोषणा के बाद ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
पूर्व गृह राज्य मंत्री आरपीएन बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेश उर्फ गुड्डू पांडेय से चुनाव हार गए थे। हालांकि, पिछले दो चुनावों के समीकरणों से इस बार का समीकरण कुछ जुदा है। पहला यह कि सपा-बसपा इस बार महागठबंधन कर चुनाव मैदान में हैं। दूसरा यह कि भाजपा फिलहाल 2014 के माहौल बना पाएगी या नहीं यह अभी तक साफ नहीं हो सका है।
पांच विधानसभा क्षेत्रों कुशीनगर, हाटा, रामकोला, पडरौना, खड्डा वाले इस लोकसभा क्षेत्र में कुर्मी-सैंथवार-राजपूत, ब्राह्मण, यादव, दलित, मुसलमान जातियों की बाहुल्यता है। सबसे अहम यह कि कोई भी जाति अकेले किसी भी प्रत्याशी को जीत दिलाने के पक्ष में नहीं है।
ऐसे में सभी पार्टियों को अपने प्रत्याशी के सजातीय वोट के अतिरिक्त सोशल इंजीनियरिंग पर काम करना होगा।
भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे का वोटबैंक हथियाने में लगेंगे

चूंकि, भाजपा का मूल वोटबैंक ब्राह्मण, बनिया, कुर्मी-सैंथवार-राजपूत, कुशवाहा यहां माना जाता है। लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी आरपीएन सिंह के चुनाव मैदान में आने से कुर्मी-सैंथवार-राजपूत वोटबैंक पर उनका भी दावा होगा। यह इसलिए क्योंकि आरपीएन सिंह जब भी चुनाव मैदान में उतरे तो कुर्मी-सैंथवार ने खुलकर अपने इस सजातीय प्रत्याशी को वोट किया। ऐसे में भाजपा अपनी रणनीति के तहत कुुुर्मी-सैंथवार-राजपूत वोट काटकर कांग्रेस को कमजोर करना चाहेगी। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी आरपीएन सिंह अपनी बिरादरी वाले वोटबैंक को किसी भी सूरत में बिखरने नहीं देना चाहेंगे।
मुसलमान, यादव को तोड़ना कांग्रेस के लिए नहीं होगा आसान

कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र में यादव, मुसलमान वोटरों के एक साथ आने पर किसी भी चुनाव का समीकरण बदल सकता है। महागठबंधन का बेस वोट यादव व मुसलमान ही है। अभीतक के समीकरण से साफ है कि दोनों जातियां इस बार महागठबंधन के साथ हैं।
2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा से कोई यादव प्रत्याशी नहीं होने की स्थिति में यादव वोट में कांग्रेस प्रत्याशी आरपीएन सिंह ने सेंध लगायी थी और पहली बार वह संसद में पहुंचे थे। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यादव वोट ने कुशीनगर में कांग्रेस प्रत्याशी को इसलिए वोट किया था क्योंकि 2009 में ही कांग्रेस ने देवरिया लोकसभा क्षेत्र से यादव बिरादरी के कद्दावर नेता बालेश्वर यादव को मैदान में उतारा था। जबकि इस बार चुनाव में परिस्थितियां बदली हुई है। महागठबंधन से खुद बालेश्वर यादव ताल ठोक रहे हैं।
जीत को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस को यहां मुसलमान वोटरों का भी साथ चाहिए। यूपी में उभरे नए समीकरण से यह भी साफ है कि महागठबंधन भी मुसलमान वोटबैंक को एकमुश्त पाने के लिए एड़ीचोटी एक करने वाला है। ऐसे में कुशीनगर में मुसलमान वोटर्स के लिए कांग्रेस अपने तरकश से हर वह तीर निकालेगी जो इस वोट को एकमुश्त इनके पक्ष में करने में सक्षम है।
दलित वोटबैंक पर कांग्रेस-महागठबंधन-भाजपा तीनों की नजर

यूपी में दलित वोट बसपा के पक्ष में एकमुश्त जाता रहा है। सपा-बसपा का महागठबंधन होने के बाद दलित वोटबैंक एकमुश्त इसको मिलने की संभावना जतायी जा रही है। लेकिन इस वोटबैंक को साधने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रयासरत हैं। ऐसे में साम-दाम-दंड से भाजपा-कांग्रेस इस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे।
ब्राह्मण वोटर अगर भाजपा से नाराज हुआ तो कांग्रेस के पास जाएगा

कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण वोटर भी निर्णायक भूमिका में है। पिछले लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण वोटबैंक का अधिकांश हिस्सा भाजपा प्रत्याशी राजेश पांडेय को मिला था। बसपा प्रत्याशी डाॅ.संगम मिश्र भी ब्राह्मण वोट को बांटने में सफल हुए थे। लेकिन इस बार भाजपा के वर्तमान सांसद राजेश पांडेय के अलावा कोई दूसरा दल इस बिरादरी के प्रत्याशी पर दांव लगाता नहीं दिख रहा है। ऐसे में ब्राह्मण फिलहाल तो भाजपा के साथ खड़ा दिख रहा है।
पिछले पांच चुनावों में किस दल का कौन प्रत्याशी किस स्थान पर रहा

1996

रामनगीना मिश्र भाजपा 197983
कासिम अली सपा 151463
बालेश्वर यादव बसपा 116649
आरपीएन सिंह कांग्रेस 39137


1998

रामनगीना मिश्र भाजपा 256695
बालेश्वर यादव सपा 205920
मोहन चैहान बसपा 131834
शिवकुमार शुक्ल कांग्रेस 24454

1999

रामनगीना मिश्र भाजपा 196651
बालेश्वर यादव सपा 169913
आरपीएन सिंह कांग्रेस 155861
पीएन चैहान बसपा 133656


2004

बालेश्वर यादव निर्दल 206848
आपीएन सिंह कांग्रेस 198428
एनपी कुशवाहा बसपा 168869
रामनगीना मिश्र भाजपा 115969
रामअवध यादव सपा 66651

2009


आरपीएन सिंह कांग्रेस 223954
स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा 202860
विजय कुमार दुबे भाजपा 162189
ब्रह्माशंकर त्रिपाठी सपा 55223


2014

राजेश पांडेय भाजपा 370051
आरपीएन सिंह कांग्रेस 284511
संगम मिश्र बसपा 132881
राधेश्याम सिंह सपा 111256
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