बाद में यह कहा गया कि, योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण पदों को रिक्त रखा गया। बाद में इन पदों पर भर्ती के लिए 2011 से 2017 से लगातार कई संशोधित परिणाम जारी किया गया। याची के अधिवक्ता की दलील थी कि बार बार संशोधित चयन सूची जारी करने का कोई नियम नहीं है। विज्ञापन के शर्तों में भी ऐसा कुछ नहीं कहा गया। बाद में चयनित किए गए अभ्यर्थियों को पिक एण्ड चूज पॉलिसी अपनायी गई। अभ्यर्थियों का चयन करने में उनके राज्य के कोड बदल दिए गए। याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिए गए। चयन प्रक्रिया कर्मचारी चयन आयोग इलाहाबाद द्वारा आयोजित की गई। कोर्ट ने कहा कि, अगले आदेश तक कोई चयन न किया जाये। बाद में यह कहा गया कि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण पदों को रिक्त रखा गया। बाद में इ नपदों पर भर्ती के लिए 2011 से 2017 से लगातार कई संशोधित परिणाम जारी किया गया। याची के अधिवक्ता की दलील थी कि बार बार संशोधित चयन सूची जारी करने का कोई नियम नहीं है।
विज्ञापन के शर्तों में भी ऐसा कुछ नहीं कहा गया। बाद में चयनित किए गए अभ्यर्थियों को पिक एण्ड चूज पॉलिसी अपनायी गयी। अभ्यर्थियों का चयन करने में उनके राज्य के कोड बदल दिए गए। याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिए गए। चयन प्रक्रिया कर्मचारी चयन आयोग इलाहाबाद द्वारा आयोजित की गयी। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक कोई चयन न किया जाए।