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अर्धसैनिक बलों की भर्ती पर कोर्ट का झटका, 72 हजार से अधिक नौकरियों पर लगा दी रोक

locationकुशीनगरPublished: Nov 14, 2017 05:38:22 pm

कोर्ट ने 72 हजार से अधिक अर्ध सौनिकों के नौकरी पर रोक लगाने का आदेश

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अर्धसैनिक बलों की भर्ती पर कोर्ट का झटका, 72 हजार से अधिक नौकरियों पर लगा दी रोक

इलाहाबाद. अर्ध सैनिकों को झटका लगा है। कोर्ट ने 72 हजार से अधिक अर्ध सौनिकों के नौकरी पर रोक लगाने का आदेश दिया है। अर्द्धसैनिक बलों बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ , एसएसबी, आईटीबीपी, असम राइफल्स के 72309 पदों पर जारी भर्ती और संशोधित परिणाम जारी करने पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली सैकड़ों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए चीफ जस्टिस के समक्ष संदर्भित कर दिया है।

यह फैसला सुनाया अमित सिंह चौहान सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर जस्टिस आर एस आर मौर्या ने अधिवक्ता विजय गौतम और अन्य अधिवक्ताओं को सुनने के बाद कोर्ट ने सुनाया है। बता दें कि, अर्द्धसैनिक बलों में 49080 पदों पर भर्ती के लिए 5 फरवरी 2011 को विज्ञापन जारी हुआ, इसे बाद में संशोधित विज्ञापन के जरिए 72309 कर दिया गया। लिखित, शारीरिक परीक्षा और मेडिकल परीक्षा के बाद 44152 पदों पर चयन परिणाम घोषित किया गया। 28 हजार के लगभग पद रिक्त रह गए। इसमें यह कहा गया कि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण पदों को रिक्त रखा गया।
बाद में यह कहा गया कि, योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण पदों को रिक्त रखा गया। बाद में इन पदों पर भर्ती के लिए 2011 से 2017 से लगातार कई संशोधित परिणाम जारी किया गया। याची के अधिवक्ता की दलील थी कि बार बार संशोधित चयन सूची जारी करने का कोई नियम नहीं है। विज्ञापन के शर्तों में भी ऐसा कुछ नहीं कहा गया। बाद में चयनित किए गए अभ्यर्थियों को पिक एण्ड चूज पॉलिसी अपनायी गई। अभ्यर्थियों का चयन करने में उनके राज्य के कोड बदल दिए गए। याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिए गए। चयन प्रक्रिया कर्मचारी चयन आयोग इलाहाबाद द्वारा आयोजित की गई। कोर्ट ने कहा कि, अगले आदेश तक कोई चयन न किया जाये। बाद में यह कहा गया कि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण पदों को रिक्त रखा गया। बाद में इ नपदों पर भर्ती के लिए 2011 से 2017 से लगातार कई संशोधित परिणाम जारी किया गया। याची के अधिवक्ता की दलील थी कि बार बार संशोधित चयन सूची जारी करने का कोई नियम नहीं है।
विज्ञापन के शर्तों में भी ऐसा कुछ नहीं कहा गया। बाद में चयनित किए गए अभ्यर्थियों को पिक एण्ड चूज पॉलिसी अपनायी गयी। अभ्यर्थियों का चयन करने में उनके राज्य के कोड बदल दिए गए। याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिए गए। चयन प्रक्रिया कर्मचारी चयन आयोग इलाहाबाद द्वारा आयोजित की गयी। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक कोई चयन न किया जाए।

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