scriptयह है यूपी, कुशीनगर हादसे के बाद दो बच्चों कामरान और फरहान का पोस्टमार्टम किया शव बगैर सिले दे दिया | Kushinagar rail acident: after postmortem very in human behaviour | Patrika News

यह है यूपी, कुशीनगर हादसे के बाद दो बच्चों कामरान और फरहान का पोस्टमार्टम किया शव बगैर सिले दे दिया

locationकुशीनगरPublished: Apr 28, 2018 03:01:25 pm

जब जनाजा उठाने को हुआ तो बच्चों के शवों को देख लोगों का कलेजा फट उठा, सीएमओ सेे शिकायत

kushinagar rail accident

कुशीनगर स्कूल बस एक्सिडेंट

जिनको देखकर हर किसी की आंखें नम हो जा रही थी, कलेजा बैैठा जा रहा था उनके शवों के साथ धरती के भगवान कहे जाने वाले डाॅक्टर्स आैर उनकेे कर्मचारियों ने बेहद गैरजिम्मेदाराना आैर अमानवीय व्यवहार किया। पोस्टमार्टम के बाद कई शवों को बिना सिले ही कपड़े में लपेटकर परिवारीजन कोे सौंप दिया गया। पहले से गमजदा परिजन अपने कलेजे के टुकड़ों का यह हाल देख और परेशान हो उठे। दुःखद यह कि इन बच्चों के अंतिम संस्कार के वक्त परिवारीजन उनको नहला भी न सके।
उधर, चिकित्सीय दल के इस गैर जिम्मेदाराना व असंवेदनशील व्यवहार पर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने सीएमओ को बताने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। कहा ऐसी गलती क्षम्य नहीं होनी चाहिए।
बता दें कि गुरुवार को कुशीनगर के डिवाइन मिशन स्कूल का स्कूल वैन बच्चों को लेकर दुदही में मानवरहित समपार फाटक पार कर रहा था। इसी दौरान सीवान से गोरखपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन ने टककर मार दी थी। इस हादसे में वैन में सवार 13 बच्चों की मौत हो गई थी जबकि कई जीवन-मौत के बीच जूझ रहे। इस हादसे के बाद चारों ओर कोहराम मच गया। हादसे में मिश्रौली गांव की प्रधान किरण देवी पत्नी अमरजीत ने तीन मासूम संतोष, रवि और सात वर्षीय बेटी रागिनी को खो दिया। पड़रौन मुडरई गांव के हैदर अली के दो बेटे गोलू उम्र 8 वर्ष और कमरूल उम्र 10 वर्ष की मौत हो गई। बतरौली गांव के हसन की दो बेटियों साजिदा 11वर्ष और तमन्ना 10 वर्ष काल के गाल में समा गईं। मैहरवा गांव के मैनुद्दीन के बेटे मिराज उम्र 8 वर्ष और बेटी मुस्कान 7 वर्ष की मौत हो गई। कोकिला पट्टी नौशाद के 8 वर्षीय बेटे अतिउल्लाह, मैहरवा के जहीर के 9 वर्षीय पुत्र अरशद और नजीर के पुत्र 8 वर्षीय पुत्र अनस की जान चली गई। बतरौली के अम्बर सिंह का 8 वर्षीय बेटा हरिओम भी इस हादसे का शिकार हो गया।
जबकि पांच घायलों को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। घायल कृष्णा उम्र 9 वर्ष, कलीम 7 वर्ष, रोशनी 10 वर्ष, समीर 7 वर्ष एवं ड्राइवर नियाज का इलाज यहां चल रहा है।
हादसे वाले दिन ही बच्चों का पोस्टमार्टम कर परिवारीजन को सौंप दिया गया। देर शाम को ही आनन फानन में 11 बच्चों का अंतिम संस्कार करा दिया गया। लेकिन दो बच्चों का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया। वजह इन बच्चों के पिता विदेश में थे। शुक्रवार को वह गांव पहुंचे। पडरौन मडुरही के हैदर अली जब घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। एक साथ दोनों बच्चों कामरान और फरहान के शव रखे गए थे। जब अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हुई तो शवों की हालत देखकर परिजन का दुःख और बढ़ गया। पोस्टमार्टम के बाद बेहद अमानवीय काम किया गया था। बच्चों के शवों की सिलाई तक नहीं की गई थी। केवल कपड़ेे में लपेटकर सौंप दिया गया था। बेबस परिजन क्या कर सकते थे। कलेजे के टुकड़ों का किसी तरह अंतिम संस्कार किया। हालांकि, मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक अजय कुमार लल्लू ने तत्काल सीएमओ को फोन मिलाकर शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई का निर्देश दिया। इस प्रकरण से पूरे गांव में गम और गुस्से का माहौल है।
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