बालेश्वर यादव दो बार पडरौना से विधायक रह चुके हैं(Baleshwar Yadav elected two time MP and was two time MLA)। पहली बार लोकदल से विधायक बने बालेश्वर यादव 1989 में जनता दल से पडरौना से सांसद चुने गए। मुलायम सिंह ने जब समाजवादी पार्टी की स्थापना की तो वह सपा में चले गए( Baleshwar Yadav is founder member of Samajwadi party)। हालांकि, वह सपा छोड़ बसपा और कांग्रेस में भी रह चुके हैं। सपा से टिकट नहीं मिलने पर वह 2004 में सपा से बागी होकर निर्दल ही संसदीय चुनाव में उतरे और संसद में पहुंचे। सांसद बनने के बाद वह कांग्रेस में चले गए। 2009 में कांग्रेस की टिकट पर देवरिया से संसदीय चुनाव लड़े लेकिन जीत न सके। 2012 के विधानसभा चुनाव के पहले वह समाजवादी पार्टी में वापसी कर लिए। सपा ने पडरौना विधानसभा से पूर्व सांसद के पुत्र बृजेंद्र पाल को टिकट दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह सपा से कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले प्रमुख दावेदार थे। लेकिन ऐन वक्त पर उनकी बजाय सपा ने एनपी कुशवाहा को प्रत्याशी बना दिया। टिकट कटने के बाद पूर्व सांसद बागी हो गए। हालांकि, सपा मुखिया के कहने पर वह चुनाव तो नहीं लड़े लेकिन चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने भी नहीं निकले। चुनाव बीतने के बाद अब बसपा से उनकी नजदीकियां एक अलग राजनैतिक समीकरण गढ़ रही हैं। बीते दिनों पूर्व सांसद बालेश्वर यादव ने दिल्ली में बसपा मुखिया मायावती से मुलाकात की। मायावती से मुलाकात के बाद बसपा में उनके जाने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, अभी आैपचारिक एेलान नहीं हुआ है। बता दें कि बालेश्वर यादव पहले भी बसपा में रह चुके हैं लेकिन अधिक दिनों तक बसपा उनको रास नहीं आर्इ।