जिला अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन दोनों नसीब नहीं हुआ और महिला तड़प-तड़प कर मर गई। महिला के परिजन डॉक्टरों से गंभीर हालत होने का विनती करते ही रह गए लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी बात अनसुनी कर दी। यही नहीं मौत के बाद भी जिला अस्पताल के कर्मचारी हृदयहीन बने रहे और घंटों तक महिला का शव जमीन पर पड़ा रहा। यह बात अलग है जिला अस्पताल के सीएमएस मरीजों का लोड अधिक होने की बात कर रहे हैं लेकिन वह भी मान रहे हैं कि थोड़ी बहुत कमी लोड के चलते है।
मिली जानकारी के मुताबिक, खड्डा तहसील के बाढ़ प्रभावित गांव पकड़ी बृजलाल निवासी बृजभान की पत्नी गंगाजली की तबीयत बुधवार को अचानक खराब हो गई। उसको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। परिजन उसे सीएचसी खड्डा ले गए लेकिन डॉक्टर ने अस्पताल मे ऑक्सीजन का सिलेंडर न होने की बात कहकर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल ले जाने के लिए 108 नंबर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध तो जरूर हुई, लेकिन उसमें भी ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं था। नतीजतन तड़पती हुई गंगाजली किसी तरह जिला अस्पताल पहुंची पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण उसकी हालत खराब होती चली गई।
आधा घंटा से ज्यादा समय तक गंगाजली जिला अस्पताल के इमरजेंसी के सामने तड़पती रही और परिजन मरीज के गंभीर हालत की दुहाई देते रहे लेकिन डॉक्टरों ने न ऑक्सीजन लगाया न ही मरीज को बेड पर लिटाया। नतीजतन जमीन पर ही तड़पती-तड़पती गंगाजली स्वर्ग सिधार गई। यही नहीं उसका शव घंटों तक जमीन पर पड़ा रहा। जिला चिकित्सालय के सीएमएस लालता प्रसाद का कहना है कि 100 बेड की जगह करीब 175 मरीजों का लोड रहता है ..इसलिए थोड़ी बहुत कमी रहती है। मामला संज्ञान मे आया है तो जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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