script#TripleTalaq शादी के चार महीने बाद ही प्रताड़ित करने लगा था शौहर, फिर विदेश से फोन कर दिया तीन तलाक | triple talaq victim fatima khatun demand justice after low | Patrika News

#TripleTalaq शादी के चार महीने बाद ही प्रताड़ित करने लगा था शौहर, फिर विदेश से फोन कर दिया तीन तलाक

locationकुशीनगरPublished: Oct 15, 2019 04:47:59 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

हैरानी की बात ये रही की पंचों में भी पीड़िता को जख्म तब दिय़ा जब पंचायत कर तलाक के एवज में डेढ़ लाख रूपये लेकर मामले को खत्म करने का दबाव बना दिया

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हैरानी की बात ये रही की पंचों में भी पीड़िता को जख्म तब दिय़ा जब पंचायत कर तलाक के एवज में डेढ़ लाख रूपये लेकर मामले को खत्म करने का दबाव बना दिया

कुशीनगर. आज भी तीन तलाक की पीड़िता फातिमा खातून न्याय के लिए भटक रही है। जब एक छटके में उसके पति ने विदेश से फोन कर उसकी जिंदगी को तबाह कर दिया था। हैरानी की बात ये रही की पंचों में भी पीड़िता को जख्म तब दिय़ा जब पंचायत कर तलाक के एवज में डेढ़ लाख रूपये लेकर मामले को खत्म करने का दबाव बना दिया। हालाकि तहरीर के बाद पुलिस ने फातिमा खातून के पति , ससुर, सास, ननद और पति के मामा के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत केस दर्ज कर लिया।
कुशीनगर जिले के खड्डा के जखिनिया गांव के अहमद अली की पुत्री फातिमा खातून (25) की शादी नेबुआ नौरगियां के शोभाछपरा गांव के अब्दुल रहीम के पुत्र तराबुद्दीन के साथ हुई थी। बेटी की शादी में गरीब पिता ने काफी परेशानी में दान-दहेज का इंतजाम किया। पिता ने सोचा कि बेटी का होने वाला पति विदेश कमाता है, वह सुखी जीवन व्यतीत करेगी। पीड़ित पक्ष के अनुसार शादी के चार माह बाद ही फातिमा का पति तराबुद्दी सऊदी अरब चला गया।
फातिमा के अनुसार उसका पति जब विदेश से आता तो उससे दूर दूर रहने की कोशिश करता। उसे प्रताड़ित करता। फातिमा बताती कि पति किसी झारखंड की महिला का फोटो दिखाते और उससे शादी की बात करते। पूरा घर शादी के कुछ ही महीना बाद उसे प्रताड़ित करने लगा। फातिमा बताती कि वह सबकुछ सहकर ससुराल में रह रही थी।
एक अगस्त को तराबुद्दीन का फोन घर पर आया। ससुर अब्दुल रहीम ने फातिमा से तराबुद्दी से बात कराई। जैसे ही फातिमा ने काॅल रिसीव किया तो तराबुद्दीन ने उसे तलाक दे दिया। तलाक तलाक तलाक कहने के बाद उसने कहा कि अब हम दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं है।
पति के तलाक देने से परेशान फातिमा ने मायके फोन किया। अगले दिन उसके मां-पिता बेटी के ससुराल पहुंचे। पंचायत बैठी। पंचों ने भी तलाक को सही ठहराते हुए फातिमा को डेढ़ लाख रुपये के दो चेक दिखाए। स्टांप पेपर पर अंगूठा लगवा दिया और रिश्ता खत्म करने का ऐलान हो गया। हैरानी की बात ये है कि अब भी बेटियों के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत द्वारा कानून बनाने के बाद भी न्याय पान आसान नहीं है।
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