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बीजेपी को ठोकर मारने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य बिगाड़ सकते हैं कुशीनगर का समीकरण

locationकुशीनगरPublished: Jan 13, 2022 06:56:59 am

Submitted by:

Punit Srivastava

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफ़े के एलान ने उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में हलचल पैदा कर दी है।हालाँकि, वो अखिलेश यादव के साथ जाएँगे या नहीं इसे लेकर रहस्य बना हुआ है। मौर्य कुशीनगर की पडरौना सीट से लगातार तीन बार से विधायक है। जनपद की सात विधानसभा सीटों पर कुशवाहा समाज हार- जीत में निर्णायक की भूमिका निभाते हैं ।ऐसे में मौर्य का बीजेपी छोड़ना कुशीनगर विधान सभा चुनाव का समीकरण बिगाड़ सकता है।

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मंत्री पद छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तरप्रदेश की विधानसभा चुनाव परिणामों पर असर डाल सकते हैं। अगर हम बात करेें कुशीनगर जनपद की जहां की पडरौना विधानसभा सीट से वह भाजपा प्रत्याशी के रुप में विधायक चुने गए थे। उन्होंने बसपा के निकटम प्रतिद्वंदी जावेद इकबाल को हराकर यह चुनाव जीता था। सिर्फ पड़रौना ही नहीं यहां की सभी सात सीटों की विधान चुनाव का समीकरण प्रभावित होगा। इन सात में पड़रौना,फाजिलनगर व खड्डा विधानसभा पर मौर्य का समीकरण पर खासा असर रहेगा। हालां कि भाजपा इस बात से इंकार कर रही है कि इनके जाने से भाजपा को कोई नुकसान होगा।
कुशीनगर जिले में 25 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इनमें दो से तीन लाख के करीब कुशवाहा मतदाता हैं। जिनकी ज्यादा संख्या फाजिलनगर,पड़रौना व खड्डा विधानसभा में है। जो मौर्या को अपना नेता मानते हैं। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने से हार और जीत का समीकरण बदल सकता है। पिछले चुनाव के आंकड़ो पर नजर डाले तो भाजपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद को 93269 मत मिले थे वही बसपा के जावेद इकबाल 52822 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस की शिवकुमारी देवी को 40804 मत मिले थे और वह तीसरे नंबर पर थी। हार जीत का अंतर देखा जाए तो चालीस हजार से कुछ ज्यादा है। अगर यही अंतर लगभग हर विधानसभा में रहे तो कुुशवाहा वोटर हार व जीत में निर्णायक साबित होंगे।
पूर्व जिलाध्यक्ष युवा मोर्चा हिमांशु गोपाल का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने से भाजपा पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। देश व प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यों को देख रही है। जाति नहीं लोग विकास देख रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्या पडरौना से लगातार तीन बार से विधायक हैं। लखनऊ में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने कैबिनेट मंत्री के पद से अपना इस्तीफा दिया। उनकी बेटी संघप्रिया भारतीय जनता पार्टी से बदायूं से सांसद हैं जबकि इनके बेटे उत्कृष्ट मौर्या को बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली के ऊंचाहार से चुनाव लड़वाया था।
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