इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए रतन और तुफानी ने कुशीनगर स्थित गंडक नदी में डूब रहे छह लोगों की जान बचा ली।दोनों नदी से कुछ दूरी पर अपने खेतों में काम कर रहे थे। चीख-पुकार सुनकर उन्हें बचाने के लिए नदी में कूद पड़े।
सालिकपुर गांव के रहने वाले तूफानी चौहान बुधवार की सुबह हादसे की जगह से लगभग सौ मीटर दूर अपने खेत में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि नदी में नाव पलटने के बाद लोग चिल्लाने लगे। यह सुनकर वह चौंक पड़े। बचाने की गुहार सुन अनायास उनके पैर आवाज की दिशा में बढ़ गए।
उन्होंने बताया कि लोगों को डूबता देख रहा नहीं गया। वह पानी में कूद गए और डूबने वालों को बाहर निकालने के प्रयास में लग गए। बार-बार सिर का बाल पकड़कर बाहर खींचते तो कुछ देर के लिए डूबने वाले को सांस लेने का मौका मिल जाता। वहीं वह मदद के लिए शोर भी मचा रहे थे। आवाज सुनकर कुछ दूरी पर खेत में काम कर रहे रतन कुशवाहा भी सहयोग के लिए एक नाव लेकर पहुंच गए। दोनों ने नाव से छह लोगों को बाहर निकाला। वहीं खेत मालिक खुद ही किसी तरह तैरकर बाहर निकल गया।