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योगी राज में अधिकारियों ने आदेश के विपरीत कर दिया दर्जनों अध्यापकों को मनचाहे स्कूल से संबद्ध

locationकुशीनगरPublished: Sep 20, 2018 01:18:28 am

कुशीनगर के इस साहब के लिए दुदही रेल हादसा बन गया फायदे का सौदा

Basti Primary School

Basti Primary School

दुदही रेल हादसा कुशीनगर के जिला बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मनमानी का साधन बन गया। मुख्यमंत्री द्वारा तत्कालीन बीएसए को निलंबित किए जाने के बाद चार्ज संभालने वाले अधिकारी ने शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए पचास से अधिक शिक्षकों को पिछड़े क्षेत्रों से हटाकर मनमानी जगह पर अटैच कर दिया गया है। हद तो यह कि अटैचमेंट का कई दर्जन आदेश नए बीएसए के चार्ज संभालने के एक दिन पहले किया गया है। सूत्र बताते हैं कि इस आदेश के लिए विभागीय सिंडिकेट ने लाखों के वारे-न्यारे भी किए हैं।
इस साल के अप्रैल माह की 26 तारीख को कुशीनगर का कोई भी अभिभावक याद रखना नहीं चाहेगा। इसी दिन कुशीनगर के दुदही में 55075 पैसेंजर अप पैसेंजर ट्रेन ने डिवाइन मिशन स्कूल के बच्चों से भरी टाटा मैजिक टकरा गई, जिससे 13 बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया था। बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे थे। जांच के दौरान पता चला कि स्कूल बगैर मान्यता के संचालित था और स्कूल वैन चला रहा ड्राइवर नाबालिग था। जांच में बीएसए, बीईओ और आरटीओ की लापरवाही उजागर हुई। कार्रवाई करते हुए शासन ने बीएसए सहित संबंधित पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
बीएसए के निलंबन के बाद करीब पांच महीने तक कुशीनगर जनपद में किसी नए बीएसए की तैनाती नहीं हुई। जबकि पूरे प्रदेश में कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई पर कुशीनगर में नया बीएसए नहीं भेजा गया।
इस सितंबर महीने में शासन ने एक नया बीएसए यहां भेज दिया है। तत्कालीन बीएसए के निलंबन के दौरान जिले में बीएसए के रिक्त पद पर जिला विद्यालय निरीक्षक को अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया था। डीआईओएस, बेसिक शिक्षा विभाग के बीईओ और कुछ लिपिकों की मिलीभगत से अवैध ढंग से शिक्षकों के अटैचमेंट का जबर्दस्त खेल खेला गया। हुआ यह कि पिछड़े क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को शासनादेश के विपरीत मनमानी तरीके से शहरी क्षेत्रों या आसपास के स्कूलों के अटैच कर दिया गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार पचास से अधिक शिक्षकों की तो तैनाती कार्यवाहक बीएसए/डीआईओएस ने चार्ज देने के एक दिन पहले आदेश जारी कर किया गया। पत्रिका के पास कई दर्जन अध्यापक/अध्यापिकाओं के संबद्धता आदेश की प्रति उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि मनचाहे स्कूलों में संबद्धता के खेल में लाखों रुपये के वारे-न्यारे भी किए गए हैं।
जबकि शासन ने साफ तौर पर किसी भी अध्यापक/अध्यापिका को किसी दूसरे स्कूल में अटैच करने से मना किया हुआ है।
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