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गरीबी व कुपोषण से एक युवक की मौत, दूसरे की हालत गंभीर

locationकुशीनगरPublished: Sep 14, 2018 08:41:32 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

इस मौत ने भोजन की गारंटी योजना पर सवाल खड़ा कर दिया है।

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गरीबी व कुपोषण से एक युवक की मौत, दूसरे की हालत गंभीर

कुशीनगर. जिले पडरौना तहसील के गांव जंगल खिरकिया में फेकू नाम के एक मुसहर की कुपोषण से मौत हो गई है उसका एक भाई पप्पू की हालत काफी गंभीर है और वह पल-पल मौत की मुंह में समाता जा रहा। गरीबी एवं कुपोषण ने 22 वर्ष की उम्र में फेंकू को 80 साल का बुढ़ा बना दिया था। बात यही तक नहीं दोनों भाईयों का इलाज करने की बजाय जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज करने की बजाय उन्हें घर वापस भेज दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रिय मुसहर जाति के लोगों की कुशीनगर जनपद में हो रही मौत ने सरकार राष्ट्रीय पोषण माह व भोजन की गारंटी दोनों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। वहीं दूसरी ओर कुशीनगर जिले में मुख्यमंत्री के प्रिय मुसहर जाति के लोगो की लगातार मौत भोजन की गारंटी पर सवाल खड़ा कर दिया है।
बता दे 2004 में दोघरा निवासी नगीना मुसहर की भूख व कुपोषण से मौत के बाद मुसहरों की दिनहीन दशा सबके सामने आयी तो सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठने लगा। नगीना की मौत के बाद मुसहर जाति के लोगों जाति के लोगों की मौत का बढते आंकड़े को देख सांसद रहते हुए खुद योगी आदित्यनाथ कुशीनगर का दौरा किया था और मुसहरों की बेहतरी के लिए हुए आंदोलन की अगुआई किया था।
मुख्यमंत्री होने के बाद मैनपुर कोट मुसहर बस्ती में कार्यक्रम लगाकर मुसहरों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए अफसरों को आदेश दिया था। इसके बावजूद भी कुशीनगर में मुसहर बिरादरी के लोग रोटी, दवा, के अभाव मे लगातार मर रहे है .। रोटी, दवा जैसी बुनियादी जरूरत तक के मयस्सर नहीं होने से कुपोषण का शिकार हो जा रहे है और 20-25 वर्ष की उम्र में ही उनकी काया सूखकर 80 वर्ष के बुजुर्ग जैसी हो जा रही है।
कुशीनगर जिले के पडरौना तहसील के जंगल खिरकिया के मुसहर टोली में फेकू नाम के मुसहर की आज हुई मौत इसका जीता-जागता उदाहरण है। मृतक की उम्र महज 22 वर्ष की थी लेकिन रोज दो वक्त की रोटी नहीं मिलने और फांकाकशी ने उसे कुपोषण का शिकार बना दिया। गरीबी और भूख के चलते मृतक के दूसरे भाई पप्पू की हालत काफी गंभीर है। वह भी पल-पल मौत के मुंह मे समाता जा रहा है । रोटी व दवा के अभाव मे गंभीर स्थिति में पहुंच चुके जब इन्हें ज़िले के सदर अस्पताल में गांव वालों ने भर्ती कराया तो वहां के डाक्टरों ने पैसे के अभाव मे दवा करने से मना कर दिया।गांव वाले चन्दा वसूल कर इन दोनों भाइयों का इलाज करवाने की जुगत में लगे थेकि फेकू की मौत हो गई।
अब दोनों भाइयों में एक भाई की मौत ने अब ज़िला प्रसासन को नींद से जगा दिया जो अब गांव में जा कर साफ सफाई और मृतक के परिवार को राहत देने का प्रयास कर रहा है.।मौत के बाद प्रसासन के इस रवैये ने सब को हैरान किया हुआ है.।पीड़ित परिवार व ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के घर का चुल्हा क ई दिनों से नही जला था। मृतक व उसके सभी भाईयो को राशन तक नहीं मिलता था। मृतक का घर सरकार की आवास योजनाओं का पोल खोलने के लिए काफी है। हर बार की तरह फेकू की मौत के बाद प्रशासन को मुसहर टोली की चिंता होने लगी और फिर प्रशासनिक अमला गांव में डेरा डाल दिए हैं।मुसहरों को न्याय दिलाने के लिए समाज सेवी पप्पू पांडेय धरने पर बैठ गए।प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर सपा जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी ने गांव का दौरा किया है।
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