विशेष समुदाय पर यह आरोप लगाया जा रहा
सरस्वती देवी पितरिया पत्नी स्व. श्रीराम लाल पितरिया ने 13 दिसम्बर 1991 में गाटा संख्या 238/0.147 हेक्टेयर जोकि राजस्व अभिलेखों में शिवेंद्रनाथ सिंह आदि के नाम दर्ज कागजात है। यह जमीन सरस्वती देवी द्वारा खरीदी गई थी। इसके करीब में कब्रिस्तान बना हुआ है। पितरिया परिवार द्वारा विशेष समुदाय पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि विशेष समुदाय के कुछ लोग उनके परिवार को जानमाल की धमकी देकर उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते है। जबकि अंजुमन इस्लामियां कमेटी ने एक दीवानी वाद संख्या 294/73 न्यायालय मुंसिफ खीरी के समक्ष प्रस्तुत किया था, जो 5 मई 1987 को निरस्त हो गया। जिसके बाद अंजुमन इस्लामियां कमेटी द्वारा दीवानी अपील की गई, जो 5 दिसम्बर 1978 को निरस्त हुई।
द्वितीय अपील उच्च न्यायालय खण्ड पीठ लखनऊ के समक्ष प्रस्तुत की गई। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा गाटा संख्या 153 का स्वामी पितरिया परिवार को मानते हुए दिनांक 6 अप्रैल 2007 को अंजुमन इस्लामियां कमेटी द्वारा दायर अपील को निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश अंतिम हो चुका है, जिसके बाद आदेश के अनुरूप जमीन की निशानदेही कराकर दीवाल खड़ी करने का काम जैसे ही शुरू हुअा, वैसे ही जुबेर अहमद उर्फ राजू पुत्र मो0 शरीफ, मुनीर अहमद उर्फ अफजल हुसैन निवासी मोहल्ला नईबस्ती, मुजम्मिल हुसैन पुत्र हमीउल्ला निवासी हाथीपुर दस-पन्द्रह अन्य अपने साथियों के साथ वहां एकत्र होकर झगड़ा करने पर आमदा हो गए। निर्माण कार्य रोक दिया और नींव की ईंटे उखाड़कर ले गए।
वीरांगना वाहिनी व हिंदू जागरण मंच को करना पड़ेगा आंदोलन
माह जून के प्रथम सप्ताह में पितरिया परिवार द्वार गाटा संख्या की समी निश्चित किए जाने हेतु प्रार्थना उपजिलाधिकारी सदर को दिया गया था। जिसके बाद 17. जून को सीमा निर्धारित कर दी गई है। इस सम्बध में विपक्षी अभी भी पितरिया परिवार को बांउड्री खड़ी नहीं करने दे रहे हैं। इसके लिए अब पितरिया परिवार को उपयुक्त पुलिस बल की आवश्यकता है।
वीरांगना वाहिनी की अध्यक्षा रश्मिी गुप्ता ने बताया कि उक्त प्रकरण के बाद कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से पीड़ित परिवार अनुरोध कर चुका है। इसके बावजूद इस मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है। जिलाधिकारी ज्ञापन देकर मामले से अवगत कराया गया है। अगर इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो वीरांगना वाहिनी व हिंदू जागरण मंच को आंदोलन करना पड़ेगा।