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बाढ़ से बचाने को तैयारी में जुटा प्रशासन, बना रहा सुरक्षा कवच

locationलखीमपुर खेरीPublished: May 30, 2020 07:14:06 am

Submitted by:

Neeraj Patel

– जिले को बाढ़ की विभीषिका से बचायेंगी पांच कटान निरोधक बड़ी परियोजनाएं- परियोजनाओं में प्रतिदिन काम कर रहें हजारों की तादात में जिले के श्रमिक

बाढ़ से बचाने को तैयारी में जुटा प्रशासन, बना रहा सुरक्षा कवच

बाढ़ से बचाने को तैयारी में जुटा प्रशासन, बना रहा सुरक्षा कवच

लखीमपुर-खीरी. कोविड-19 की इस वैश्विक महामारी के बाद भी सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत प्रशासन बाढ़ से निपटने एवं इससे बचाव हेतु निरन्तर सुरक्षा कवच बनाने में जुटा रहा। बाढ़ राहत परियोजनाओं के शुरू होने से जिले के ग्रामीण अंचलों के दिन भी बहुरने लगे। स्थानीय श्रमिकों को जहां एक ओर रोजगार मुहैया हुआ, वहीं बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए परियोजनाएं मील का पत्थर साबित होगी।

जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार गरीब के कल्याण हेतु निरन्तर प्रयन्नशील है, गरीब का कल्याण कैसे हो, उनके दिन कैसे बहुरें। इसके लिए दिन-प्रतिदिन निर्णय लेकर जनता के हितार्थ नई-नई योजनाएं बना रही है। यही नहीं जनपद लखीमपुर खीरी को सम्भावित बाढ़ से कैसे बचाया जाये, इसके लिए जिले में पांच बड़ी कटान निरोधक परियोजनाएं स्वीकृत की, जो वर्तमान में प्रगति पर है। इन क्रियाशील पांच कटान निरोधक परियोजनाएं सें हजारों की तादात में जिले के श्रमिक प्रतिदिन सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि एक पखवारे से इन परियोजना का कार्य चल रहा है। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय मजदूरों को काम दिया गया है। बाढ़ आने से पूर्व कार्य पूरा कर लिया जायेगा।

समय से पूर्व राहत कार्य शुरू होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षा मुहैया हो सकेगी। बताते चले कि लखीमपुर-खीरी प्रदेश के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जनपदों में से एक है। जनपद की बाढ़ का प्रमुख कारण नेपाल राष्ट्र के पहाड़ी/अपवाह क्षेत्र में हुई अधिक वर्षा है। नेपाल राष्ट्र से निकलने वाली प्रमुख नदियां शारदा, घाघरा, सुहेली, मोहाना/कौड़ियाला आदि भारतीय सीमा के मैदानी क्षेत्रों में तीव्र वेग से प्रवाहित होती हैं तथा उक्त नदियों में सिल्ट लोड अधिक होने के कारण मुख्यतः शारदा एवं घाघरा नदिया मेण्डरिंग करती हुई आगे बढ़ती हैं, जिससे जनपद लखीमपुर-खीरी की तहसीलें पलिया, निघासन, धौरहरा पूर्ण रूप से तथा गोला एवं लखीमपुर आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में आ जाती हैं।

वर्तमान में बाढ़ खण्ड, शारदानगर, लखीमपुर-खीरी में शारदा नदी के बायें किनारे पर तहसील धौरहरा में शारदानगर से ऐरापुल तटबन्ध के सुरक्षार्थ किमी 12.150 से किमी 13.600 तक, ग्राम समूह-राजापुर भज्जा एवं पसियनपुरवा, तहसील-सदर में शारदा नदी के दायें किनारे स्थित ग्राम रेहरिया खुर्द, रेहरिया कला व नौवापुर व तहसील-पलिया में ग्राम समूह ढकिया खुर्द, ढकिया कला व शाहपुर तथा तहसील-निघासन में घाघरा नदी के दाहिने किनारे पर ग्राम समूह-मोटेबाबा, गोदियाना, रामनगर एवं बगहा के सुरक्षार्थ कटाव निरोधक कार्यों की कुल पांच अदद परियोजनायें स्वीकृत है।

उक्त परियोजनाओं पर सोशल डिस्टैन्सिंग का पूर्णतः पालन करते हुए युद्ध स्तर पर कार्य कराये जा रहे हैं। जिसमें हजारों की तादात में श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार प्राप्त हो रहा है। मानसून से पूर्व उक्त कार्यों को सुरक्षित स्तर तक पूर्ण करने हेतु विभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार मौके पर जाकर निर्देशित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त खण्ड के नियन्त्रणाधीन तटबन्धों, पूर्व निर्मित परियोजना स्थलों का निरीक्षण कर संवेदनशील एवं अति संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है जिनपर आवश्कतानुसार कार्य कराये जा रहे हैं।

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