खम्बा पार कर जाते हैं स्कूल बता दें कि शारदा नदी ने कई जगह से सड़को को काट कर बहा दिया है। जिले के इस समय फूलबेहड़, ईसानगर और धौरहरा क्षेत्र में कई ऐसे गांव है। जहां हर बार नदियों की विनाशलीला लोगों को बर्बाद कर देती हैं। इन गांवों में हजारों की आबादी के घरों को नदी ही ने ले लिया है। यहां तक स्कूल आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं को अपनी जान जोखिम में डाल कर शिक्षा हासिल करने जाते है। फूलबेहड़ क्षेत्र के ग्राम टापरपुरवा से बेहड़सूतिया के बीच में बच्चे टूटे पड़े 15 फिट के खम्भे के सहारे बाढ़ के पानी को पार कर स्कूल पढ़ने जाते है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन की ओर से इस गंभीर समस्या को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि इन क्षेत्रों के रहने वाले लोगों को रोज की चीजों की भी व्यस्था करने में भी इन्ही खम्भे का सहारा लेना पड़ता है।
मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी हालत बेकार यह आलम तब है जब बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री ने जिले का तीन बार दौरा भी किया है। साथ ही बाढ़ मंत्री भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर चुकी है। लेकिन उन्हें भी इन क्षेत्रों में सब ठीक दिखा। न ही इस समस्या से उन्हें किसी प्रशासनिक अधिकारी ने अवगत कराने की जहमत कराई न ही लोगों को राहत दिलाने के नाम पर कोई कदम उठाया गया।