scriptएंबुलेंस में बह रहा था तड़पते मरीज का खून, फिर भी नहीं हटा सांसद का काफिला, वायरल वीडियो ने उड़ाए होश | Ambulance stuck in BJP MP Rekha Arun Verma kafila Lakhimpur Kheri | Patrika News

एंबुलेंस में बह रहा था तड़पते मरीज का खून, फिर भी नहीं हटा सांसद का काफिला, वायरल वीडियो ने उड़ाए होश

locationलखीमपुर खेरीPublished: Sep 09, 2018 03:00:10 pm

जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सांसद रेखा अरुण वर्मा ने सफाई देना शुरू कर दिया…

Ambulance stuck in BJP MP Rekha Arun Verma kafila Lakhimpur Kheri

नहीं रुक रहा था मरीज का खून, फिर भी नहीं हटा सांसद का काफिला, वायरल वीडियो ने उड़ाए होश

लखीमपुर खीरी. एक तरफ तो दोबारा कमल खिलाने के लिए जहां भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली में गहन मंथन कर रहा है, साथ ही 2019 में अपना परचम लहराने के लिये बीजेपी सियासी बिसात बिछाने में लगी है। वहीं दूसरी तरफ लखीमपुर खीरी में धौराहरा से भाजपा सांसद रेखा अरुण वर्मा द्वारा किया गया कृत्य भाजपा की छवि ही नहीं मानवता को भी शर्मसार कर गया। जिसके चलते एक बार फिर धौरहरा सांसद चर्चा में आ गईं। जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सांसद ने सफाई देना शुरू कर दिया, लेकिन उनकी इस प्रकार की संवेदनहीनता क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
 

सांसद महोदया के काफिले में फंसी रही एंबुलेंस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाख हिदायतों के बावजूद उनके सांसद कोई नसीहत लेने को तैयार नहीं है। ताजा मामला लखीमपुर खीरी की धौरहरा सांसद रेखा वर्मा से जुड़ा है। दरअसल मोहम्मदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सांसद रेखा वर्मा की मनमानी साफ तौर पर सामने आई। यहां सांसद रेखा वर्मा अपने गाड़ियों के काफिले के साथ अस्पताल परिसर में पहुंची थीं कि इसी दौरान रक्तस्राव से पीड़ित गंभीर मरीज को लेकर आई एक 108 एंबुलेंस उनके काफिले के पीछे जाम में फंस गई। जगह न मिलने की वजह से एंबुलेंस 15 मिनट तक सायरन बजाती रही और मरीज एंबुलेंस में तड़पता रहा। 15 मिनट बाद सांसद बाहर निकलीं और उनका काफिला अस्पताल परिसर से बाहर आया। तब जाकर एंबुलेंस अस्पताल के अंदर दाखिल हो पाई और इसके बाद पीड़ित मरीज को इलाज मिल पाया।
सांसद महोदया की सफाई

वहीं सांसद रेखा वर्मा का कहना है कि वह मुश्किल से 2 मिनट अस्पताल में रुकी होंगी। लेकिन एंबुलेंस चालक की मानें तो वह एंबुलेंस लेकर 15 मिनट तक काफिले के जाम में फंसा रहा। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि ऐसे नेताओं की मनमानी कब थमेगी। सांसद महोदया क्या यह भूल गईं कि इसी जनता ने उन्हें फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचाया और आज वही जनता जब दर्द से कराह रही थी तो उसके दर्द में साथ देना न सही पर दर्द के इलाज में रोड़ा तो नहीं बनना चाहिए था। आपको बता दें सांसद महोदया अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही हैं। चाहे वह उल्टा तिरंगा थामना हो या महोली विधानसभा के एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं पर चप्पल निकालना हो या फिर जिला अस्पताल में डॉक्टर से विवाद हो। फिलहाल सांसद महोदया का यह कृत्य क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या ऐसे ही सांसदों के दम पर बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी का सपना सजा रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो