बीएसए ने लिया फैसला बताते चलें कि मितौली ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय मिन्नापुर में बतौर सहायक अध्यापक रणवीर सिंह की तैनाती 18 नवंबर 2015 को हुई थी। जो की मूल रूप से कानपुर देहात के गांव देवीपुर के निवासी हैं। उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड की डिग्री हासिल की थी। जो जांच में फर्जी (टेम्पर्ड) पाई गई है। इसलिये बीएसए ने नियुक्ति को शुरू से ही शून्य करार दिया है।
इनको किया गया बर्खास्त इस तरह निघासन ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बदलापुर में फिरोजाबाद के शिकोहाबाद निवासी आलोक यादव की नियुक्ति 26 नवंबर 2015 को हुई थी। एटा जिले के निवासी सुमित कुमार वर्मा की नियुक्ति पसगवां ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय मुड़िया चूड़ामणि में 18 नवंबर 2015 को हुई थी। ईशानगर व्लाक के प्राथमिक विद्यालय पकरिया में मथुरा निवासी शशिकांत वत्स की 3 सितंबर 2016 को नियुक्ति हुई थी। ईशानगर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सरावल में मथुरा निवासी विष्णु कुमार की 18 नवंबर 2015 को नियुक्ति हुई थी। इन सभी की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई है।
यह था मामला डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2005 के ट्रेबुलेशन चार्ट में कुछ छात्रों का अधिक परीक्षा परिणाम अंकित दिया गया था। जिससे ऐसे छात्रों को फर्जी (टेम्पर्ड) अंकतालिकाएं वितरित की गई थी। हाईकोर्ट में सुनील कुमार बनाम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद एसआईटी की जांच में सैकड़ों छात्रों की अंकतालिका फर्जी करार दी गई थी। इसके बाद से प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे शिक्षकों की जांच कराई जा रही थी। जिसमे लखीमपुर खीरी में ऐसे पांच शिक्षक चिन्हित किये गये थे।
वेतन की होगी रिकवरी वही पूरे मामले में बीएसए बुध प्रिय सिंह ने बताया कि अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड की फर्जी डिग्री हासिल करने के मामले में पांच शिक्षकों को चिन्हित किया गया था। जिन्हें नोटिस देकर साक्ष्यों के साथ जवाब मांगा गया था। 100 दिन बीत जाने के बाद भी जवाब नहीं आया। सभी पाचों शिक्षको को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही उनकी सेवाएं शुरुवात से ही शून्य मानी गई है। जिससे उनको दिये गये वेतन की भी रिकवरी की जायेगी।