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नुकसान और कर्ज से परेशान व्यापारी ने खुद को मारी गोली, मौत

locationलखीमपुर खेरीPublished: Dec 09, 2017 08:41:55 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

पत्नी और बच्चों की गैर मौजूदगी में एक फर्टिलाइजर व्यवसाई ने अपनी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

businessman suicide in Lakhimpur

businessman suicide in Lakhimpur

लखीमपुर-खीरी. पत्नी और बच्चों की गैर मौजूदगी में एक फर्टिलाइजर व्यवसाई ने अपनी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। व्यवसाई व्यापार में लगातार हो रहे नुकसान और बढ़ रही देनदारी से बहुत परेशान था। गोली की आवाज सुनकर पड़ोसियों ने परिवार व पुलिस को जानकारी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हादसे के बाद व्यवसाई के परिवार में मातम का माहौल है।
कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला सरदार नगर निवासी दशमेश फर्टिलाइजर एजेंसी व्यवसाई परमिंदर सिंह (45) ने अपने घर में अपने ही लाइसेंसी रिवाल्वर से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। परिवारीजनों के मुताबिक परमिंदर सिंह की महेवागंज और सुंदरवल में दशमेश फर्टिलाइजर के नाम से प्रतिष्ठित फर्म है। शनिवार की दोपहर परमिंदर फर्म जाने के बजाए घर पर ही थे। घटना के वक्त पत्नी निशा व बेटी ट्विंकल स्कूल गए थे। पड़ोस में छोटे भाई रुपिंदर का परिवार रहता है। पिता की मौत के बाद से बूढ़ी मां अपने छोटे बेटे रुपिंदर के साथ ही रहती है। घटना के वक्त रुपिंदर महेवागंज स्थित फर्टिलाइजर की दुकान पर था, जबकि मांं सरजीत कौर और रुपिंदर का परिवार अपने घर पर ही मौजूद था, तभी शनिवार दोपहर परमिंदर ने घर स्टोर रूम में अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से कनपटी पर रखकर गोली मार ली, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गोली चलने की आवाज घर वालों को पड़ोसी महिलाओं से पता लगी। घर के लोग जब मौके पर पहुंचे तो स्टोर रूम में परमिंदर का लहूलुहान शव पड़ा देख सभी चीखने-चिल्लाने लगे। शव के पास ही उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर पड़ी थी। सुसाइड की बात पता लगते ही मोहल्ले और नाते रिश्तेदार का जमावड़ा लग गया। उसकी मौत की खबर पाकर तमाम व्यापारी भी मौके पर पहुंच गए। इधर सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस भी आ गई। पुलिस ने मुआयना कर उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर को कब्जे में लिया। इसके बाद शव को पीएम के लिए भेजा है।
सरदार नगर कॉलोनी निवासी सरदार विक्कर सिंह की 2013 में मौत के बाद उनके दोनों बेटों परमिंदर सिंह व रुपिंदर सिंह ने फर्टिलाइजर का काम-काज संभाल लिया। कुछ दिनों तक तो दोनों भाई एक में रहे। कुछ समय बाद ही दोनों भाइयों में पारिवारिक और व्यवसायिक दूरियां बढ़ गईं। धीर-धीरे दुकान और फिर मकान का बंटवारा हो गया। परमिंदर ने एक सुंदरवल और दूसरी कस्बे में ही अलग फर्म खोल ली, जबकि रुपिंदर ने अपने पिता की गद्दी संभाल ली। मां सरजीत व छोटे बेटे रुपिंदर के साथ रहने लगी। पिता की मौत के बाद परमिंदर ने अपने अलग बिजनेस शुरू किए। फर्टिलाइजर के अलावा पेस्टिसाइड व कोल्ड ड्रिंक्स का बिजनेस शुरू किया लेकिन सभी में नुकसान का मुंह देखना पड़ा। बताते हैं कि इससे उन पर काफी कर्जा हो गया था। पत्नी निशा सरकारी स्कूल में टीचर है। बड़ी बेटी 16 वर्षीय मिन्नत लखनऊ में रहकर पढ़ाई करती है। वहीं आठ साल की छोटी बेटी ट्विंकल अपने माता व पिता के साथ रहती है।
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