लखीमपुर खेरी

कोतवाल की सूझ-बूझ से 24 घंटे बाद ताजिया हुए सुपुर्द-ए-खाक

कोतवाल की सूझ-बूझ से 24 घंटे के बाद ताजियादारो ने ताजिया को सुपुर्द-ए-खाक किया।

लखीमपुर खेरीOct 03, 2017 / 04:23 pm

आलोक पाण्डेय

लखीमपुर खीरी. पिछले कई सालों से कोतवाली क्षेत्र के बड़ा गांव में ताजियादारो द्वारा ताजिया को नही उठाया जाता था। इस बार शहर कोतवाल की कोशिश कारगर साबित हुई। और लगभग 24 घंटे के बाद ताजियादारो ने ताजिया को सुपुर्द-ए-खाक किया। वही मामले को गंभीरता से लेते हुये। पुलिस प्रशासन पूरे समय मुस्तैद रहा।

बताते चले कि कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बडा गांव में ताजिया कर्बला तक ले जाते समय बीच रास्ते में एक धार्मिक स्थल पड़ता है। जहां पर ताजिया रखे जाते है। इसी जगह को लेकर मोहर्रम में दोनों समुदाय आमने- सामने आ जाते हैं। और दोनों में विवाद शुरू हो जाता है। पिछले साल भी इसी विवाद को लेकर ताजियादारों ने अपने ताजिया नही उठवाए थे। और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। हालांकि प्रशासन को पूरा अंदाज था। कि इस बार भी पिछले वर्षों की अपेक्षा घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है। इसलिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना था। और आखिरकार वही हुआ जिसका प्रशासन को डर था। लेकिन शहर कोतवाल दीपक शुक्ला व अन्य अधिकारियों ने मिल कर तजियादारों को मना लिया और लगभग 24 घंटे बाद तजियादारों ने ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने चैन की सांस ली। इस दौरान बड़ा गांव में कोई अनहोनी न हो, साथ ही शांति व्यवस्था बनी रहे। इसका धयान रखते हुए। गांव मे भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।

जिला प्रशासन के लिये बडा गांव में ताजिया सुपुर्द-ए-खाक होना एक बड़ी चुनौती थी। क्योंकि पिछली बार भी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा तजियादारों को समझने का काफी प्रयास किया गया था। लेकिन तजियादारो ने प्रशासन की एक न सुनी और ताजियों को दफन नही किया था। वहीं पूरे मामले में शहर कोतवाल दीपक शुक्ला ने बताया कि तजियादारों को समझने के बाद ताजिया को दफन करा दिया गया। और गांव मे शांति व्यवस्था भी कायम है।

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