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बहरेपन के शुरुआती लक्षणों को न करें अनदेखा, बरतें यह सावधानियां

locationलखीमपुर खेरीPublished: Mar 08, 2019 05:02:00 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

गांव बेहतर स्वास्थ सेवाओं को पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना बहरेपन से बचाव के लिए एनसीडी के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया

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लखीमपुर खीरी. एनपीपीसीडी कार्यक्रम के अंतर्गत जारी प्रशिक्षण में ट्रेनर हर्षिता अवस्थी ने सीएचसी व पीएचसी से आए डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया। गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ सेवाओं को पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना बहिरता से बचाव व रोकथाम के लिए एनसीडी के अंतर्गत यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इन सावधानियों को बरतना जरूरी

नोडल अधिकारी एनसीडी सेल डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम को शत प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं में तब्दील करना है। जिससे नवजात सहित बच्चों और वयस्कों में बहिरता जैसी गंभीर बीमारी को होने से रोका जा सके। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना एनपीपीसीडी के तहत यह दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ है। इसमें सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एमबीबीएस डॉक्टर्स की ट्रेनिंग कराई जा रही है।
ट्रेनर ईएनटी सर्जन डॉक्टर हर्षिता अवस्थी ने बताया कान की संरचना को समझना बेहद जरूरी है, तभी बहरेपन का सही इलाज हो सकता है। इसके इलाज से पहले यह समझना जरूरी है कि यह बीमारी कितने प्रकार की है। कैसे एक छोटी सी लापरवाही बड़ी बीमारी का रुप ले लेती है। सरकार की योजना के तहत हर सीएचसी व पीएचसी पर तैनात डॉक्टर यह सुनिश्चित कर लें के कान में कितने प्रकार की बीमारी होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मामलों में कान में झनझनाहट या कान के आसपास के हिस्से में दर्द होना बहरेपन की शुरुआत के लक्षण हो सकते हैं।
पस पड़ने पर न डालें ईयर ड्रॉप

उन्होंने कहा कि अगर सही समय पर इसकी जांच करा ली जाए तो न सिर्फ बहरेपन से बचा जा सकता है, बल्कि इसके गंभीर परिणाम से भी मरीज बच सकता है। जब कान में पस पड़ता है, तो मरीज को किसी भी तरह का ईयर ड्राप कान में नहीं डालना चाहिए न ही बिना सलाह के कोई दवा खानी चाहिए। इस संबंध में भी ट्रेनर डॉक्टर हर्षिता अवस्थी द्वारा डॉक्टरों को बारीकी से इस समस्या से निपटने के उपाय बताए गए और यह भी बताया गया कि ऐसे मरीज जिनमें यह बीमारी काफी समय से है उन्हें तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर देना चाहिए, ताकि उनका और बेहतर इलाज हो सके।

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