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नोटबंदी व जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था को किया कमजोर: जफर अली नकवी

locationलखीमपुर खेरीPublished: Oct 11, 2017 07:27:31 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए पूर्व कांग्रेसी सांसद जफर अली नकवी ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात की।

Zafar Ali Nakvi

Zafar Ali Nakvi

लखीमपुर खीरी. नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सहित जनपद में अपनी पहचान खो चुकी कांग्रेस भी मैदान में ताल ठोकने के लिए सक्रिय हुई है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए पूर्व कांग्रेसी सांसद जफर अली नकवी ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात की।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। नोट बंदी का जिक्र किया तो यह भी बताया कि नोट बंदी से जीडीपी में भारी गिरावट आई है।
उन्होंने आरोप लगाया आज भाजपा सरकार जिस तरह से लोकतंत्र में सत्य को ढकने की कोशिश कर रही है, वह अत्यंत चिंता का विषय है। प्रेस की आजादी, संवैधानिक संस्थाओं की आजादी व आर्थिक आजादी आज खतरे में है। कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ छल किया गया है। जीएसटी के नाम पर व्यापार की जटिलताएं और महंगाई बढ़ा दी है। मुद्रीकरण ने देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर उसे ध्वस्त किया है। एक अनुमान के अनुसार जीडीपी से देश को तीन लाख करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में गिरावट आई है। इसका मुनाफा आम उपभोक्ता को होना चाहिए था, परन्तु वह भाजपा सरकार ने खुद कमा लिया। भाजपा सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाना चाहती? यह एक बड़ा सवाल है। केंद्र सरकार ने 3 सालों में लगभग 5 लाख करोड़ रुपया कमाया है।
उन्होंने आगे कहा कि घरेलू वस्तुओं में रूपए की हुई बढ़ोतरी से आम आदमी का बजट बिगड़ गया है। युवाओं को रोजगार देना आज सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जिस पर सरकार विचार तक नहीं कर रही। किसान व व्यापारियों के हितों की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह मानती है कि जीएसटी की नए सिरे से समीक्षा होनी चाहिए। कृषि नीति में बदलाव किया जाना चाहिए। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाया जाना चाहिए। किसानों को इनका लाभ कब मिलेगा? यह सबसे बड़ी चिंता है। अभी तक मंडी में घोषित मूल्य से काफी कम मूल्य पर किसान के धान की खरीद की जा रही है। कर्ज माफी के नाम पर किसानों से मजाक किया गया। उत्तर प्रदेश सहित जनपद की कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है। विकास तड़प रहा है। सरकारी खजाना भाजापा की नीतियों के कारण खाली हो चुका है। विश्व विद्यालय के छात्र छात्राओं पर लाठी चार्ज हो रहा है। चंद औद्योगिक घरानों को कर्ज माफी का लाभ दिया गया है। उन्होंने मोदी सरकार को नारे गढ़ने वाली सरकार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार काम तो कुछ नहीं कर रही है परंतु नारे हर रोज नए नए बना रही है। प्रेस वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह, प्रेमशंकर अग्रवाल, सैफ अली नकवी, अंकुश पाल वर्मा व रामा गुप्ता आदि लोग मौजूद थे।
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