रोगों के बारे में लोगों को किया जागरुक प्रशिक्षण के दौरान आधुनिक संसाधनों का इस्तेमाल कर डॉ. शोएब अहमद ने एएनएम को समझाया कि गैर संचारी रोग कौन-कौन से हैं और इनकी रोकथाम में एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका है। गैर संचारी रोगों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हाइपरलिपिडेमिया, अधिक वजन होना (मोटापा), हृदय रोग तथा लकवा, कैंसर, दमा, दंतक्षय व मसूड़े के रोग आते हैं। इन सभी रोगों के प्रति अगर लोगों को जागरूक किया जाए तो इन लोगों से आसानी से बचा जा सकता है। एएनएम अपने क्षेत्र में इनका व्यापक प्रचार प्रसार करें और लोगों को इन रोगों के बारे में जागरुक करें। इस दौरान एएनएम को बीएमआई निकालना भी सिखाया गया। जिससे मरीज की लंबाई के अनुरूप उसके वजन ही सही जानकारी मरीज को हो सके।
मरीजों का डाटा बनाने की दी जानकारी कार्यशाला के दौरान एनसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी गैर संचारी रोगों से पीड़ित व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखना व उनका फार्म भरना अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य परीक्षण करना, आशाओं का सहयोग करना, आदि विषयों पर एएनएम को विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. राकेश गुप्ता ने भी एएनएम को अपने क्षेत्र में एमसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी रोगों को लेकर आम जनमानस में जागरूकता बढ़ाएं जाने और उनकी उच्च रक्तचाप व मधुमेह की स्क्रीनिंग कर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेजने व उनका डाटा बनाने को लेकर जानकारी दी गई। एएनएम को बताया गया कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, दमा, हृदय रोग तथा लकवा ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें अगर एएनएम स्तर पर ही स्क्रीन कर लिया जाए, तो उनका बेहतर इलाज आज संभव है।