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दुधवा में बढ़ रहा डॉल्फिन का कुनबा, लाइटिंग-कैमरा ट्रैपिंग से गेरूआ, घाघरा, शारदा, कौडियाला नदियों में होगी गिनती

locationलखीमपुर खेरीPublished: Mar 19, 2021 03:11:44 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

– छह साल से गणना नहीं- दुधवा की नदियों में डॉल्फिन की संख्या में इजाफा, वैज्ञानिक पद्धति से करेंगे गणना- लाइटिंग-कैमरा ट्रैपिंग से गेरूआ, घाघरा, शारदा, कौडियाला नदियों में होगी गिनती

दुधवा में बढ़ रहा डॉल्फिन का कुनबा, लाइटिंग-कैमरा ट्रैपिंग से गेरूआ, घाघरा, शारदा, कौडियाला नदियों में होगी गिनती

दुधवा में बढ़ रहा डॉल्फिन का कुनबा, लाइटिंग-कैमरा ट्रैपिंग से गेरूआ, घाघरा, शारदा, कौडियाला नदियों में होगी गिनती

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखीमपुर खीरी. राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन का कुनबा चंबल के बाद अब लखीमपुर खीरी में भी बढ़ रहा है। पिछले करीब छह सालों में दुधवा टाइगर रिजर्व से होकर बहने वाली नदियों में डॉल्फिन की संख्या में इजाफा हुआ है। जिले में डॉल्फिन की बढ़ती आबादी को देखते हुए इनकी वैज्ञानिक पद्धति से गणना की जाएगी। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) नदियों का सर्वे करने के बाद वैज्ञानिक गणना शुरू करने की तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है। डॉल्फिन के साथ ही मगरमच्छ और घड़ियाल की भी गणना की जाएगी।
दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र से होकर बहने वाली गेरूआ, घाघरा, शारदा और कौड़ियाला नदियों में अब वैज्ञानिक पद्धति से दुर्लभ डॉल्फिन की गणना की जाएगी। दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र की गेरूआ, घाघरा, शारदा और कौड़ियाला नदियों में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं। इनमें घाघरा, शारदा और गेरूआ नदियों में डॉल्फिन गंगा बेसिन से भी ज्यादा हैं। वर्ष 2015 में हुई गणना में कतर्निया घाट वन्यजीव विहार में बहने वाली गेरूआ नदी में 31 किलोमीटर क्षेत्र में 45 तो घाघरा नदी के 518 किलोमीटर क्षेत्र में 317 डॉल्फिन पाई गईं थीं। बीते छह वर्षों में डॉल्फिन की कम संख्या होने के कारण इनकी गणनी नहीं की गई थी। अब यहां डॉल्फिन का कुनबा बढ़ रहा है। गेरूआ नदी में दो किलोमीटर के अंदर तीन डॉल्फिन मिलना काफी उत्साह जनक है। आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद जताई गई है। दरअसल, हाल ही में भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने गेरूआ, घाघरा, शारदा और कौड़ियाला नदियों का सर्वे किया है, जिसमें डॉल्फिन की अच्छी आबादी देखकर संस्थान के वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं। अब डब्ल्यूआईआई वैज्ञानिक विधि से डॉल्फिन की सटीक गणना की तैयारी कर रहा है।
लाइटिंग-कैमरा ट्रैपिंग से होगी नदियों में गिनती

नदियों में डॉल्फिन की गणना लाइटिंग और कैमरा ट्रैपिंग से होगी। नदियों में डॉल्फिन की मौजूदगी वाले संभावित स्थलों पर लाइट और कैमरे लगाए जाएंगे। इसके आधार पर गणना होगी। इससे पहले डॉल्फिन की गणना साइटिंग के आधार पर की जाती रही है। गणना करेन वाली टीम नाव में बैठकर नदी में चलती थी और जहां डॉल्फिन दिखाई देती वहां उनकी गिनती कर ली जाती थी। जबकि यह जानकारी सटीक और प्रामाणिक नहीं होती थी। नए तरीके से डॉल्फिन की सही संख्या का पता लगाने में आसानी होगी।
मगरमच्छ और घड़ियालों की भी होगी गणना

भारतीय वन्यजीव संस्थान दुधवा टाइगर रिजर्व से होकर बहने वाली नदियों में डॉल्फिन की गणना के साथ ही यहां पाए जाने वाले बड़े जलीय जीव मगरमच्छ और घड़ियालों की भी वैज्ञानिक पद्धति से गणना की तैयारी कर रहा है। वैज्ञानिकों के इस प्रयास से दुधवा की नदियों में रहने वाले जलीय जीवों की सटीक संख्या का आकलन होने की उम्मीद है। दुधवा टाइगर रिजर्व से मुख्य वन संरक्षक संजय पाठक का कहान है कि संस्थान के वैज्ञानिक दुधवा की नदियों में पाए जाने वाले बड़े जलीय जीव मगरमच्छ और घड़ियालों की भी इसी पद्धति से गणना करने की तैयारी कर रहे हैं।

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