पात्रों तक पहुंचने वाली सरकारी योजनाओं पर लगा ग्रहण
सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं पात्रों से ज्यादा अपात्रों तक पहुंचती है।

लखीमपुर खीरी. सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं पात्रों से ज्यादा अपात्रों तक पहुंचती है। जिससे पात्र लोग सरकार द्वारा मिलने वाले लाभ से वंचित रहते हैं। बल्कि अपात्र लोग लाभ पाकर मौज काटते है। कुछ इसी प्रकार का मामला केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना मिशन के तहत भी प्रकाश में आया है। जिसके चलते केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना मिशन जिले में अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर पा रही है। जिसका मुख्य कारण यह है। कि सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना की सूची में बड़े पैमाने पर हुई। धांधली ने गरीबों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलने की संभावनाओं पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है। शहर की वीआईपी कही जाने वाली कालोनियों में रहने वाले लोगों को पात्रों की सूची में शामिल किया गया है।
शहर के 7900 परिवार सूची में शामिल
आपको बताते चले कि शमशेर नगर, पंजाबी कॉलोनी सहित अन्य कई मोहल्लों में बड़ी संख्या में इस सूची में पात्रों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जिले के 3,25,451 परिवारों को इसका लाभ दिया जाना था। इसमें शहर के 7900 परिवार शामिल है। इसके लिए वर्ष 2011 में सामाजिक आर्थिक और जाति गणना के आधार पर बनाया गया है। लेकिन जिले में इसमें बड़ी संख्या में अपात्रों को शामिल किया गया है। जब इसकी सूचि की पड़ताल की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। यह गड़बड़ी कोई एक दो बार्ड में नहीं बल्कि पूरे शहर के वार्डों में है। एक अनुमान के मुताबिक पूरी सूची में लगभग 30% अपात्रों को स्थान दिया गया है। सूची में जितने अपात्र शामिल होने होंगे उतने ही पात्र कम हो जाएंगे। क्योंकि इसका लाभ सीमित लोगों को ही मिलना है।
सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी
जब शहर की वीआईपी कही जाने वाली पंजाबी कॉलोनी की एक सूची की पड़ताल की गई। तो पंजाबी कॉलोनी, सुंदरपुर, बरखेड़ा के कई ऐसे नाम शामिल है। जो बड़े व्यवसाई हैं। और उनके पास सभी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध है। शमशेर नगर पंजाबी कॉलोनी ही नही शहर के कई वार्ड में भी इस तरह के अपात्रों को सूची में शामिल किया गया है। सूची में हुई इस प्रकार की धांधली को लेकर सैकड़ों परिवारों में निराशा है। शहर के अलावा अन्य स्थानीय निकायों में भी यही स्थिति है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में वही सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है।
सूची में शामिल पंजाबी कॉलोनी के कुछ लोग
आर्थिक गणना की जो सूची जारी हुई है। उसमें पंजाबी कॉलोनी के मनजीत सिंह, धनराज सिंह, रवि साहनी, मनजीत सिंह, राजा साहब के नाम है। इन सभी लोगों के पास पंजाबी कॉलोनी में अपने निजी मकान होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध है और शहर के बड़े व्यवसाई हैं। यह नाम कुछ उदाहरण है। सूची में इसी तरह के कई और नाम शामिल है। हालांकि इस सूची में शामिल कई लोगों नहीं जानते हैं। कि उनका नाम कैसे आ गया।
क्या कहते है जिम्मेदार
नोडल अधिकारी अंशुमान योजना डॉ बीसी पंत ने बताया है कि उन्हें नहीं मालूम है कि आर्थिक सर्वे किस संस्था से कराया गया है। सूची में पात्रों के नाम भी शामिल हैं। इस संबंध में वह कुछ नहीं कह सकते। उन्हें सूची के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह तो योजना को संचालित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। जैसे निर्देश सरकार के हैं। उसी के अनुरूप कार्य किया जाएगा।
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