जिले में केंद्रीय टीम के एक सप्ताह तक रुककर जांच करने की संभावना है। पहले राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना और अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विद्युतीकरण करा रही लारसन एंड टुब्रो कंपनी को केंद्र सरकार से 3181 मजरों में बिजली पहुंचाने के लिए 389 करोड़ रुपये का बजट मिला है। जिसमें कार्यदायी संस्था को 60 हजार बीपीएल परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन देने का निर्देश दिया गया है। संस्था का दावा है कि दिसंबर 2017 तक 3124 मजरों का विद्युतीकरण कराया जा चुका है।
इसके अलावा 16 नए पावर हाउस बनाए गए हैं। साथ ही गांवों को जोड़ने के लिए 33 केवी बिजली लाइन का निर्माण कराया गया है। सिर्फ 57 मजरों में बिजली पहुंचाने का काम बाकी है। जिन पर कार्यदायी संस्था को करीब 85 करोड़ रुपये खर्च करना है। खीरी पहुंची ऊर्जा मंत्रालय के डायरेक्टर के साथ नेशनल क्वालिटी मानीट¨रग सेल के अधिकारी, प्रोजक्ट मैनेजर नरेंद्र ¨सह, लखीमपुर डिवीजन के अधिशाषी अभियंता प्रदीप वर्मा, गोला डिवीजन के अधिशाषी अभियंता उमेश चंद सोनकर सहित तमाम अधिकारियों ने गोला क्षेत्र के कई गांवों में कराए गए विद्युतीकरण के कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय टीम यहां कराए गए कार्यों की गुणवत्ता, अनुबंध के तहत कराए गए कार्य की जांच करने के साथ ही ग्रामीणों से बिजली सप्लाई मिलने संबंधी कई ¨बदुओं पर रिपोर्ट तैयार करेगी।
जिम्मेदार की सुनिए- अधीक्षण अभियंता आरडी यादव ने बताया कि केंद्रीय टीम को जिले में विद्युतीकरण के कार्य की गुणवत्ता की जांच गांवों में जाकर करनी है। लखीमपुर व गोला के अधिशाषी अभियंता को टीम के साथ लगाया गया है। वैसे जिले में विद्युतीकरण का कार्य बेहतर ढंग से हुआ है। गांवों में गारंटी पीरियड वाले ट्रांसफार्मरों के फुंकने की शिकायतों पर तेजी से काम हुआ है। जो पावर हाउस बनाए गए हैं, उनसे भी बिजली सप्लाई का कार्य शुरू कराया जा चुका है।