वहीं देर रात करीब दो बजे आंधी पानी का दौर दोबारा शुरू हुआ। लखीमपुर में करीब एक बज कर 50 मिनट पर तेज आंधी आई, जिसके बाद करीब डेढ-दो घंटे तक तेज हवाओं के साथ बारिश होती रही। उत्तर प्रदेश जिला लखीमपुर के किसानों ने गेहूं काटना शुरू कर दिया था। ऐसे में कंबाइन से कटा गेहूं काफी किसानों के दरवाजों पर पड़ा था, जिसे नुकसान हुआ। ग्राम पंचायत नी निबौरिया के एक किसान ने फोन पर बताया कि अभी ज्यादा नुकसान हो गया है, लेकिन तेज हवा नहीं चलती तो बलुई मिट्टी में लगा गेहूं नहीं गिरता और मेरा नुकसान होने से बच जाता।
इसी के साथ किसान ने बताया कि गेहूं की फसल दो-तीन दिन पहले ही फसल काटी थी, सूखने के लिए पडी थी, लेकिन अब पानी भर गया है, देखो कितना नुकसान होता है और तो और तेज हवा के चलते कई जगह पेड़ गिर गए हैं। यहां भी फसलों को नुकसान हुआ है, खड़ी फसल और मंडी के अलावा सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को होने की आशंका है। जिन्होंने हाथ से गेहूं कटवाया था और थ्रेसिंग के लिए उसके सूखने का इंतजार कर रहे थे। ग्राम पंचायत सिंगहाकलां के इलाके में काफी खेतों में पानी भरा हुआ देखा गया। गांव के किसान राम मोहन सुबह-सुबह अपने खेत का हाल देखने पहुंचे थे, वह बताते हैं मेरे पासदो2 बीघा गेहूं था, 12 से 15 हजार रुपए मिलने की उम्मीद थी। दो-तीन दिन पहले ही फसल काटी थी, सूखने के लिए पड़ी थी, लेकिन अब पानी भर गया है।
आंधी और बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी। खेत में कटा पडा गेंहू पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। तैयार फसल पर भी बरसात ने बुरा प्रभाव डाला है। हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों ने बरसात में खासा निराश किया है। खेत में पानी भरने के बाद जैसे-जैसे धूप तेज होती जा रही है, हरी मिर्ची के पौधे मुरझाते जा रहे हैं, तेज हवा और बरसात होने के कारण आम की बागवानी करने वाले किसानों को भी घाटा उठाना पड़ सकता है। रात में अचानक आई आंधी और बरसात ने किसानों को अपनी फसल को समेटने तक का मौका नहीं दिया। वहीं उरद, अरहर में आई फली को भी नुकसान हुआ है। आम के बौर को भी क्षति हुई है। हवा से बौर झड़ गया है, बारिश और आंधी ने आम को अधिक प्रभावित किया है, जिन पेड़ों में आम का फल आ गया था वह भी प्रभावित हुए हैं 15 दिनों के अंदर दो बार आई आंधी और बारिश से फसल का नुकसान हुआ है।
कुछ किसानों ने बताया कि आंधी पानी से गेहूं की फसल को तो अधिक नुकसान हुआ है और इसी के साथ गेहूं की खड़ी फसल भीग जाने से नुकसान हुआ है। किसान गेहूं काटने में व्यस्त थे गेहूं भीग जाने से कटाई रुक गई है, अब किसान तभी मड़ाई कर सकेंगे जब गेहूं से नमी सूखेगी।