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गन्ने को बीमारी से बचाने के लिए किसानों को किया जागरूक, दिए गए कई सुझाव

locationलखीमपुर खेरीPublished: Sep 05, 2019 02:51:41 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

किसानों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे मिल क्षेत्र में तूफानी एंड पार्टी द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन गांवों में कराया जा रहा है।

गन्ने को बीमारी से बचाने के लिए किसानों को किया जागरूक, दिए गए कई सुझाव

गन्ने को बीमारी से बचाने के लिए किसानों को किया जागरूक, दिए गए कई सुझाव

लखीमपुर-खीरी. डीसीएम श्रीराम लिमिटेड शुगर एंड डिस्टिलरी यूनिट अजबापुर मिल द्वारा गन्ने में लाल सड़न बीमारी से अपना कमाऊ गन्ना 0238 को बचाना है, अभियान के अंतर्गत व्यापक रूप से फैल रही फफूंदी जनित संक्रामक बीमारी लाल सड़न (रेड रॉट) के बारे में किसानों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे मिल क्षेत्र में तूफानी एंड पार्टी द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन गांवों में कराया जा रहा है।

इसी क्रम में बुधवार को मैगलगंज रीजन व जोन के ग्राम बाईकुआं, पिपरी अजीज तथा चैगानपुर में नुक्कड़ नाटक का मंचन कराया गया। जिसमें कलाकारों द्वारा बहुत सुन्दर ढंग से इस भयानक बीमारी के बारे में किसानों को मंचन करके दिखाया। इस मौके पर उपस्थित मिल के सहायक उपाध्यक्ष गन्ना सुभाष चन्द्र खोखर ने किसानों को इस बीमारी की पहचान के बारे में विस्तार से बताया।

ब्लीचिंग पाउडर दिया जा रहा निशुल्क

खोखर ने बताया कि इस रोग के प्रारंभ होने पर सबसे पहले खेत में कुछ पीले गन्ने दिखाई पड़ते है तथा तीसरी व चैथी पत्ती पर रुद्राक्ष की माला की तरह लाल धारी पड़ जाती है व गन्ना बीच से फाड़ने पर उसमें लाल व सफेद धब्बे दिखाई पड़ते है, तथा पोरियों पर जड़ें निकल आती है। रीजनल हेड विवेक चैधरी ने किसानों से अनुरोध किया कि जिस खेत में लाल सड़न से प्रभावित गन्ने दिखाई पड़े, उस पूरी मूढ़ को जड़ सहित निकालकर उसी मूढ़ पर 20 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डाल दें। ब्लीचिंग पाउडर सभी जोनल कार्यालयों में निःशुल्क दिया जा रहा है। यह घातक बीमारी हवा, पानी, मिट्टी व पहले से ही रोगी बीज के द्वारा फैलता है, इसलिए प्रभावित खेत की मेड़बंदी अवश्य करें व थायोफिनेट मिथाइल का स्प्रे करे, ट्राइकोडरमा व पीएसबी को गोबर की खाद में मिलाकर खेत में डाले।

इसके अलावा क्षेत्रीय जोनल इंचार्ज सत्येंद्र मिश्रा ने किसानों से अनुरोध किया कि केवल 0238 के सहारे किसान न रहे, बीमारी को देखते हुये किसान अब भविष्य की गन्ना प्रजातियां जैसे को 0118, को लख 94184, कोशा08272, को 98014 का रकबा भी बढ़ाना शुरू करें, जिससे होने वाले किसी भी नुकसान से बचा जा सके। इस मौके पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक जेबीगंज अंगद सिंह व क्षेत्रीय फील्ड स्टाफ सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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