बाढ़ की विनाश लीला बताते चलें कि फूलबेहड़ इलाके में शारदा नदी की विनाश लीला जारी है। ग्रंट नं. 12 के दर्जनों किसानो की फसल नदी में समा चुकी है। कई गांव के गांव नदी में समा गये है। बावजूद इसके नदी की कटान अभी रुकाने का नाम नहीं ले रही है। वही ग्रंट नं. 12 में मझरी गांव के मुन्ना, अशोके रामपाल, शरवन, रामानन्द आदि की भी गन्ने की फसल नदी में समा गई है। अभी बाढ़ का तांडव यही समाप्त नही हुआ है। इसी मझरे के अहिरन पुरवा, मझरी सहित आधा दर्जन गांव से नदी की दूरी मात्र सौ मीटर ही बची है। जिसको लेकर ग्रामीणों में दहशत व्यापत है। वैसे जिस प्रकार नदी कटान कर रही है, उस हिसाब से इन गावों का भी वजूद जल्द ही समाप्त होने वाला है।
प्रशासन से नहीं कोई उम्मीद वहीं अहिरन पुरवा गांव के लोग सुबह से शाम तक नदी के कटान पर नजर रख रहे हैं। फिलहाल अभी तक यहां के लोगों को कटान से मुक्त संबंधित प्रशासन की ओर से कोई उमीद नही दिख रही है। लोगों का कहना है कि खाली भोजन-पानी उपलब्ध करा देने से काम नही चलता है। उन्हें इस बाढ़ की मार से भी मुक्ति दिलाने का प्रयास करना चाहिये। अभी दो हफ्ते पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शारदानगर क्षेत्र में बाढ़ का दौरा किया था। तभी अधिकारी को शख्त निर्देश दिये थे। कि बाढ़ पीड़ितों को होने वाली समस्या से जल्द निजात दिलाई जाये। इसके बाद सीएम के जाने के बाद कोई लौट कर उनका पुरषा हाल लेने नही आया।व नेता कोई भी देखने नहीं आ रहा है।