लखीमपुर खेरी

कांग्रेस के निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने पूर्व सांसद जफर अली नकवी पर की अपमानजनक टिप्पणी, जमकर हुआ हंगामा, कहे अपशब्द

– मीटिंग से पहले कांग्रेस नेता आपस में भिड़े
– निवर्तमान जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह ने पूर्व सांसद जफर अली नकवी पर की अपमानजनक टिप्पणी
– दोनो गुटों के समर्थकों के बीच हुआ हंगामा

लखीमपुर खेरीNov 05, 2019 / 05:58 pm

Karishma Lalwani

कांग्रेस के नवनिर्मित जिलाध्यक्ष ने पूर्व सांसद जफर अली नकवी पर की अपमानजनक टिप्पणी, जमकर हुआ हंगामा, कहे अपशब्द

लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) अपनी साठगांठ मजबूत करने में लगी है। इसके लिए पार्टी बाहरी तौर से खुद को मजबूत करने के साथ ही अंदरूनी तौर पर भी खुद पर काम कर रही है। लेकिन पार्टी के अपने ही नेताओं के बीच सामंजस्य नहीं है, जिस वजह से विभिन्न पदों पर बैठे कांग्रेस के नेताओं के लिए एकजुट होकर काम करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। इसका उदाहरण यूपी के लखीमपुर खीरी में देखने को मिला, जहां कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। उनके बीच हाथापाई और गाली गलौज हुई। दरअसल, निवर्तमान जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद जफर अली नकवी पर अपमानजनक टिप्पणी की। जिसे लेकर दोनों गुटों के समर्थकों के बीच हाथापाई हुई।
समय को लेकर हुई उलझन

जिले के कांग्रेस भवन में मंगलवार को मीटिंग होनी थी जिसमें कांग्रेस के जिला कमेटी के पदों पर चयन होना था। इसके लिए सभी वरिष्ठ पदाधिकारी कांग्रेस दफ्तर बुलाए गए थे। निवर्तमान जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह ने दोपहर 1:30 बजे मीटिंग का समय रखा था। बाद में कांग्रेस के दूसरे गुट ने मीटिंग का समय बदलकर 12 बजे कर दिया। जब जिलाध्यक्ष को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने पत्रकारों को फोन कर बुलाया और भरी मीटिंग में पूर्व सांसद जफर अली नकवी पर कांग्रेस को बर्बाद करने का आरोप लगाया। उनके बयान से आक्रोशित नकवी के समर्थकों और उनके बेटे सैफ अली नकवी व मोहनीश नकवी ने जिलाध्यक्ष से मारपीट की। दोनों गुट आमने सामने आ गए और जमकर हंगामा हुआ। निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने पूर्व सांसद पर पार्टी को गुमराह करने और जिले में कांग्रेस की स्थिति की दुर्गति का आरोप लगाया। इस पर पूर्व सांसद के बेटे व समर्थकों ने हंगामा किया। हंगामे की सूचना मिलने पर सिटी कोतवाल पुलिस नेे मामला शांत कराने की कोशिश की।
यह सारा मामला कांग्रेस के प्रदेश सचिव कुमुद गंगवार और पैनलिस्ट बिलाल नकवी के सामने हुआ। दोनों पक्षों के बीच कांग्रेस भवन में मीटिंग होनी थी जिसमें जिले भर के कांग्रेसी बुलाए गए थे। उन्हीं से मंत्रणा की जानी थी लेकिन उससे पहले ही यह मामला हो गया।
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