23 अक्टूबर को वनरेज महेशपुर की शहजनिया बीट के ग्राम मस्तीपुर, लौकीखेड़ा में तीन ग्रामीणों पर बाघ या तेदुए के हमले की खबरों से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इधर घट रही घटनाओं व बाघ या तेदुंए के आंतक को लेकर तीन दिन पूर्व डीएफओ स्तर से कैमरे लगाए जाने के निर्देश जारी हुए। जिसके बाद हरकत में आए रेंज अधिकारियों ने बुधवार को सुबह से ही कड़ी कवायद करते हुए चिन्हित किए क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर चार कैमरों को लगवाया। इसी के साथ वन विभाग को बुधवार करीब 12 बजे सुभाष नगर निवासी सरदार वीरा सिंह ने वन विभाग को सूचना दी कि वह गोला की ओर जा रहा था। इसी बीच जैसे ही उसने सुभाष नगर चैराहे से कंजी घाट के लिए मुड़ा उसी दौरान उसने देखा कि बाघ पश्चिम दिशा से पूरब दिशा की ओर गन्ने के खेतों में घुस गए। जिस पर फारेस्ट गार्ड माया ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। लेकिन खडंजा व घास होने के कारण पगचिह्नों की पहचान नहीं हो सकी। इसी के साथ क्षेत्र के ग्राम कन्हैयागंज, तूलमेलगंज, नयागांव, बिहारीपुर, भदहिया, लीलापुर, नासिरपुर आदि जंगल से सटे आदि गांवो में वनविभाग के कर्मचारियों ओमप्रकाश, जगदीश वर्मा, जेपी वर्मा, रमेश मिश्रा, कृष्ण कुमार, अशोक शुक्ला, रमेश मिश्रा, रामनरेश, अनिल शर्मा, मायाप्रसाद की टीम क्षेत्र में कांम्बिंग कर रही है। तथा ग्रामीणों को अलर्ट कर रही है।
वन क्षेत्राधिकारी श्री नारायन यादव ने बुधवार को कैमरा लगाने की पुष्टि करते हुए बताया कि बाघ की लोकेशन जंगल की तरफ जाने की मिली है। इसके बाद भी वनकर्मी बाघ की निगरानी के लिए कांबिग कर रहे हैं। बुधवार को लगाए गए कैमरों के बाद अब बाघ की हलचल की सही निगरानी की जा सकेगी।
बुधवार को वन विभाग ने चार स्थानों पर लगाए सीसीटीवी कैमरे
महेशपुर रेंज में बाघ की लोकेशन ट्रेस करने के लिए वन विभाग ने WWF के सहयोग से बुधवार को विभिन्न स्थानों पर चार सीसीटीवी कैमरे लगाए। पहला कैमरा जंगल क्षेत्र से सटे आधा किलोमीटर दूर लालाराम पर बाघ के हमले वाले घटनास्थल के पास महेशपुर नया गांव रोड पर दूसरा कैमरा कंजी घाट के पास, तीसरा कैमरा नया गांव के निकट, चौथा कैमरा रम्मापुर के पास स्थित फकीर बाबा स्थान पर लगाया गया।