बताते चले कि जिला अस्पताल से सटे जेई आईसीयू वार्ड में अचानक ऑक्सीजन में लीकेज आ गई। यह लीकेज कोई एक- दो बेड में नहीं बल्कि दस बेड वाले इस वेंटिलेटर वार्ड के कई बेड पर अॉक्सीजन प्लांट से होकर वेंटिलेटर बेड पर जाने वाली सप्लाई में लीकेज होने से पूरे वार्ड में हड़कंप मच गया। सूचना पाते ही टेक्नीशियन और अधिकारी मौके पर पहुंच गये। काफी मशक्कत के बाद लीक हो रही ऑक्सीजन पर काबू पाया गया। ऑक्सीजन लीक होने की मुख्य वजह अॉक्सीजन प्लांट से लेकर पाइपलाइन और डिस्चार्ज आकसीजन प्वाइंट का मेंटेनेंस न होना बताया जा रहा है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह भी इसका ठेका प्रदेश की जानी मानी पुष्पा सेल्स के पास ही है। जो सालाना 3.25 लाख रुपय हर साल मेंटेनेंस के नाम पर लेती है। लेकिन इसके बदले करती क्या है। इसकी हकीकत आज सबके सामने आ गई। लगता है कि पुष्पा सेल्स एक बड़े नरसंहार के इंतेजार में है। यही नही इस काम के लिए पुष्पा सेल्स की तरफ से यह बहु तीन कर्मचारी नियुक्त किये गये है। इनका काम सिर्फ इतना है। कि ऑक्सीजन में आने वाली कमी से तत्काल निपटा जा सके। जिसका पुष्पा सेल्स द्वारा उन्हें भुगतान भी किया जाता है।
मजे की बात यह भी है कि यहां बैकअप के लिए मंगाई गई। बैटरियां भी वक्त से पहले खराब हो गई। जिन्हें आईसीयू वार्ड में लगाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी को लेकर इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी पुष्पा सेल्स जैसी कंपनियों का ठेका अबतक निरस्त क्यों नहीं किया।
ऐसी लापरवाही कंपनियों की कार्रवाई का नतीजा बेकसूर लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है। वही सीएमएस अरुण कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन चालू करने वाला रेगुरेटर डीला हो जाने के कारण ऑक्सीजन लीक हो रही थी। कंपनी को सूचित कर दिया गया है।जल्द ही ऑक्सीजन मशीन को ठीक कर लिया जायेगा।