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बाढ़ में जमीन कट जाने से आहत हुआ किसान, की आत्महत्या

locationलखीमपुर खेरीPublished: Sep 11, 2018 11:41:00 am

जिले में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। लोगों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई हैं।

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बाढ़ में जमीन कट जाने से आहत हुआ किसान, की आत्महत्या

लखीमपुर खीरी. जिले में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। लोगों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई हैं। लोग बाढ़ के चलते अपने पक्के मकानों को खुद छोड़ कर पलायन कर रहे हैं। गांव के गांव पानी में डूबे हुये हैं। शासन और प्रशासन से मिलने वाली सहायता ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। लोगों के खेत खलिहान गायब हो चुके हैं। इतना ही नहीं इस आपदा को लेकर अब लोग मौत को गले लगाना ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं।


जानकारी के अनुसार पलिया क्षेत्र में शारदा के कहर से आहत जंगल नंबर सात निवासी 45 वर्षीय किसान मंगतराम ने फांसी लगा ली। उसकी तीन एकड़ जमीन नदी में समा गई थी। बताया जाता है कि मृत किसान पर बैंक का भी लगभग दो लाख का कर्जा था। कुछ लोगों से भी उसने उधार पैसे ले रखे थे। जिसके बाद भविष्य की चुनौतियों और आशंकाओं से वह बुरी तरह से घिरा हुआ था। जंगल नंबर 7 के कटान से परेशान 45 वर्षीय किसान मंगतराम पुत्र बच्चा ने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का गांव स्थित घर नदी में समा गया था। ढ़ाई एकड़ जमीन भी नदी ने निगल ली थी। जिससे वह बेघर होकर परिवारी जनों समेत सड़क पर आ गया था। इन दिनों पूरा परिवार नहर के किनारे झोपड़ी डालकर रह रहा था। सोमवार सुबह मंगतराम घर से निकला और सूरजपुर मार्ग के पास शीशम के पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर उससे लटक गया। जानकारी पर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। क्षेत्रीय विधायक रोमी साहनी ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी और परिवारीजनों से मुलाकात की। उन्होंने अपने स्तर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी परिवारीजनों तक सरकारी मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मृतक के दो बच्चे 16 वर्षीय आदेश तथा 14 वर्षीय शिवपूजन है। घटना से परिवारीजनों में कोहराम मचा हुआ है।

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