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लखीमपुर खेरी

बैगास की चैन में फंस कर मजदूर की दर्दनाक मौत, परिवार में मचा कोहराम

बीती रात बैगास की चैन पर काम कर रहे मजदूर की चैन में फंस कर मौत हो गई है।

लखीमपुर खेरीJan 24, 2020 / 11:16 am

आकांक्षा सिंह

बैगास की चैन में फंस कर मजदूर की दर्दनाक मौत, परिवार में मचा कोहराम

बैगास की चैन में फंस कर मजदूर की दर्दनाक मौत, परिवार में मचा कोहराम

लखीमपुर-खीरी. बीती रात बैगास की चैन पर काम कर रहे मजदूर की चैन में फंस कर मौत हो गई है। साथियों द्वारा शोर मचाने पर एकत्र हुए साथी मजदूरों द्वारा चैन बंद करते हुए घटना की सूचना अन्य कर्मचारियों को दी। जानकारी मिलते ही एकत्र हुए मजदूरों ने आनन-फानन में उसे गैस कटर से काट कर बाहर निकाला और एम्बुलेंस से लाद कर सीएचसी भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मजदूर के मरने की जानकारी होते ही उसे अस्पताल लेकर गए साथी छोड़ कर फरार हो गया। गांव के ही अन्य मजदूरों ने घटना की जानकारी परिवार वालों को दी। सुबह अस्पताल पहुंचे परिवार वालों ने शव को पुनः लाद कर क्रेशर ले गए और उसके मुख्य गेट पर रख कर तौल बंद करा दी। तौल बंद कराते हुए एकत्र हुए लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार को शांत कराते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया।


पलिया रोड स्तिथ त्रिपति बाला जी शुगर इंडस्ट्रीज टांडा लुधौरी में लगभग दो वर्षों से कोतवाली के सिंगाही के घोसियाना निवासी मोनू (20) पुत्र इकबाल जो कि मजदूरी करता था। बुधवार रात भी वह रोज की भांति काम कर रहा था। बैगास (आरबीसी) पर काम करते समय अचानक वह उसमे फंस कर गिर गया। गिरते ही चैन के माध्यम से काफी दूरी तक अंदर जा फंसा था। पुलिस को बयान देते मृतक की मां नूरजहां ने कहा कि इनके बेटे की चैन में फंसकर मौत कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है। मौत के बाद इंड्रस्ट्रीज के कर्मचारियों ने शव को गायब करने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो पाए और मजबूरन उसे अस्पताल में डाल कर फरार हो गए हैं। इस बावत कोतवाली निरीक्षक दीपक शुक्ल ने बताया कि मृतक के चाचा एहसान अली की तहरीर पर इंड्रस्ट्रीज के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

क्षेत्र में स्थित में शुगर इंडस्ट्रीज की लापरवाही से यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते सालों के दौरान करीब आधा दर्जन मौते हो चुकी है। अगर चैन के ऊपर जाल लगा होता तो शायद मजदूर नहीं गिरता और एक जान बच सकती थी। मिल मालिकों की लापरवाही के चलते लगातार हो रही दुर्घटनाओं से मजदूरों के मन में भय बढ़ता जा रहा है।

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